राजकोट: राजकोट के टीआरपी गेम जोन में शनिवार को हुए भीषण अग्निकांड में 27 लोगों की जलने से मौत हो गई थी. इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने तुरंत एक विशेष जांच टीम बनाई थी. टीम की अगुवाई राजकोट के पूर्व नगर आयुक्त अजय भादू व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुभाष त्रिवेदी कर रहे हैं. इस बीच राजकोट क्राइम ब्रांच ने राजकोट नगर निगम के 4 अधिकारियों और कर्मचारियों को हिरासत में लिया है.
क्राइम ब्रांच ने राजकोट नगर निगम में टाउन प्लानिंग ऑफिसर के रूप में काम करने वाले मनसुख सगथिया, सहायक टाउन प्लानिंग ऑफिसर मुकेश मकवाना और गौतम जोशी के साथ नगर निगम में फायर स्टेशन ऑफिसर के रूप में काम करने वाले रोहित विगोरा को हिरासत में लिया है. राजकोट अग्निकांड के बाद पहली बार 4 कर्मचारी और अधिकारी पुलिस की गिरफ्त में आए हैं.
हिरासत में लिए जा सकते हैं उच्च अधिकारी: इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि और भी कुछ उच्च अधिकारी हिरासत में लिए जा सकते हैं. अभी भी विशेष जांच टीम पूरे मामले की जांच कर रही है, अगर कोई तथ्य सामने आया तो राजकोट अग्निकांड में कुछ बड़े अधिकारियों की भी गिरफ्तारी हो सकती है.
राजकोट अग्निकांड पूरे देश में चर्चा का विषय बनता जा रहा है, इसे देखते हुए एसीबी द्वारा भी जांच शुरू कर दी गई है. पिछले कई वर्षों से राजकोट नगर निगम में नगर नियोजन अधिकारी के रूप में काम करने वाले मनसुख सागथिया और अग्निशमन अधिकारी के रूप में काम करने वाले थेबा के निवास और अन्य स्थानों पर सुबह से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जांच की. फिलहाल टाउन प्लानिंग ऑफिसर मनसुख आरोपी के तौर पर राजकोट क्राइम ब्रांच के कब्जे में हैं लेकिन फायर ऑफिसर थेबा को पुलिस ने अभी तक किसी भी मामले में हिरासत में नहीं लिया है.
बयान दर्ज किया गया : मुख्य अग्निशमन अधिकारी आईवी खेर का बयान लिया गया है. गांधीनगर में उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी और 2 पुलिस अधिकारियों के बयान लिए जाने की संभावना है. सीट प्रमुख सुभाष त्रिवेदी ने जांच के बाद हकीकत सामने आने पर उच्च अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की भी चेतावनी दी है. एसआईटी की जांच को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया है.