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ऑनलाइन परीक्षा में सेंधमारी कर 22 लोगों ने हथिया ली एसएससी की नौकरी, 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज - Bulgary in SSC Exam 2023 - BULGARY IN SSC EXAM 2023

यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर में SSC की ऑनलाइन परीक्षा में सेंधमारी कर जॉब हासिल करने वाले 22 लोगों की मदद करने वाले 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करायी है.

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SSC की ऑनलाइन परीक्षा में सेंधमारी (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 28, 2024, 10:37 PM IST

गोरखपुर: ऑनलाइन परीक्षा को सुरक्षित और सफल माना जाता है, लेकिन तकनीकी के जादूगर इसमें में भी सेंध लगाकर प्रतियोगियों को परीक्षा में न सिर्फ सफल करा दे रहे हैं बल्कि, उन्हें टॉप मेरिट में भी पहुंचा दे रहे हैं. इसका खुलासा एसटीएफ के गोरखपुर के गीडा थाना क्षेत्र में दर्ज कराई गई एफआईआर के बाद हुआ. इसमें यह पाया गया कि देश की प्रतिष्ठित परीक्षा में से एक एसएससी की परीक्षा में ऑनलाइन परीक्षा के दौरान, गोरखपुर के नौसढ़ चौराहे स्थित स्वस्तिक कंप्यूटर ऑनलाइन केंद्र से, 22 ऐसे अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलाई गई थी जिनके कंप्यूटर सिस्टम में छेड़छाड़ करते हुए उन्हें इस प्रतियोगी परीक्षा के टॉप 200 में स्थान दिलाया गया था.

एसटीएफ के गोरखपुर क्षेत्र के इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश की तहरीर पर गीडा थाने में FIR पंजीकृत कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. हालांकि इस मामले में शिकायत होने के बाद जांच यूपी एसटीएफ को मिली थी. इसमें एसटीएफ ने इस मामले में धोखाधड़ी को उजागर करते हुए गोरखपुर के स्वस्तिक ऑनलाइन सेंटर को और यहां पर तैनात रहने वाले 7 कर्मचारियों को इसके लिए दोषी पाया है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

22 people got SSC jobs by burglary in online examination FIR against 7 accused by UP STF Gorakhpur
एफआईआर की कॉपी (22 people got SSC jobs by burglary in online examination FIR against 7 accused by UP STF Gorakhpur)

इस मामले में एक व्यक्ति ने राष्ट्रपति को शिकायती पत्र भेज कर उनसे जांच करने और एक्शन लेने की गुजारिश की थी. इसके बाद प्रयागराज भर्ती बोर्ड ने जांच का अनुरोध एसटीएफ से किया था. एसएससी की परीक्षा कराने की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी के हाथ में थी. जिसका नाम एमटीएस था. यह कंपनी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ऑनलाइन सेंटर के माध्यम से इस परीक्षा को करा रही थी. एसटीएफ की जांच में यह पता चला कि गोरखपुर के गीडा थाना क्षेत्र में स्थित स्वस्तिक कंप्यूटर सेंटर से जो 37 अभ्यर्थी सफल हुए थे. उसमें 22 ऐसे थे, जो टॉप 200 में शामिल थे.

जांच में यह पता चला कि इन अभ्यर्थियों के कंप्यूटर के मॉनिटर बिना किसी के आदेश के बदले गए. फिर एनी डेस्क के माध्यम से उनके पेपर को सॉल्व किया गया. केंद्र के सभी कर्मचारियों की मिली भगत से इसमें नकल हुई थी. इसमें इन परीक्षार्थियों ने परीक्षा में रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की. इस मामले में गीडा पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. आरोपी नामजद लोगों की धर पकड़ के लिए दबिश दी जा रही है. एसटीएफ ने FIR में उल्लेख किया है कि यह परीक्षा 2023 तक स्वस्तिक ऑनलाइन सेंटर पर हुई थी. केंद्र के भीतर कुल 798 कंप्यूटर लगे थे, लेकिन कुल 37 लोग ही इस परीक्षा में पास हुए. इनमें से 22 लोग ऐसे थे, जिनको ऊंची रैंक मिली.

एफआईआर में बताया गया है कि झाझर निवासी चरण सिंह चौधरी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस परीक्षा में धांधली की शिकायत की थी. इसका संज्ञान लेकर एसएससी मुख्यालय नई दिल्ली को एक पत्र भेजा गया. इस पर मुख्यालय ने प्रयागराज भर्ती बोर्ड से इस मामले में पत्र भेज कर जवाब मांगा. फिर धांधली को उजागर करने के लिए प्रयागराज भर्ती बोर्ड ने इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी. यूपी एसटीएफ जब इस मामले की जांच करने लगी, तो वारदात का पर्दाफाश सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हो गया.

इसमें पाया गया कि परीक्षा के दौरान 21 अभ्यर्थियों के मॉनिटर बदले गये थे. एक अभ्यर्थी सॉल्वर के बगल में ही परीक्षा देने के लिए बिठाया गया था. इस मामले में गोरखपुर एसटीएफ के प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई. इसमें आरोपी के रूप में केंद्र के संचालक राजीव रंजन, कक्ष निरीक्षक योगेश कुमार गौतम, आईटी मैनेजर अवनीश कुमार, कंपाउंडिंग ऑफिसर परमहंस यादव और एमटीएस कंपनी के प्रभारी रामस्वरूप यादव को नामजद किया गया है. एसएसपी गोरखपुर डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि एसटीएफ की ओर से आई जांच रिपोर्ट के आधार पर ही गीडा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. पुलिस जांच करेगी और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- मंत्री दिनेश प्रताप का फरमान, DM और SP को जनप्रतिनिधियों को कहना होगा 'जी सर', फोन नंबर भी करना होगा सेव - Minister Dinesh Pratap Singh

गोरखपुर: ऑनलाइन परीक्षा को सुरक्षित और सफल माना जाता है, लेकिन तकनीकी के जादूगर इसमें में भी सेंध लगाकर प्रतियोगियों को परीक्षा में न सिर्फ सफल करा दे रहे हैं बल्कि, उन्हें टॉप मेरिट में भी पहुंचा दे रहे हैं. इसका खुलासा एसटीएफ के गोरखपुर के गीडा थाना क्षेत्र में दर्ज कराई गई एफआईआर के बाद हुआ. इसमें यह पाया गया कि देश की प्रतिष्ठित परीक्षा में से एक एसएससी की परीक्षा में ऑनलाइन परीक्षा के दौरान, गोरखपुर के नौसढ़ चौराहे स्थित स्वस्तिक कंप्यूटर ऑनलाइन केंद्र से, 22 ऐसे अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलाई गई थी जिनके कंप्यूटर सिस्टम में छेड़छाड़ करते हुए उन्हें इस प्रतियोगी परीक्षा के टॉप 200 में स्थान दिलाया गया था.

एसटीएफ के गोरखपुर क्षेत्र के इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश की तहरीर पर गीडा थाने में FIR पंजीकृत कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. हालांकि इस मामले में शिकायत होने के बाद जांच यूपी एसटीएफ को मिली थी. इसमें एसटीएफ ने इस मामले में धोखाधड़ी को उजागर करते हुए गोरखपुर के स्वस्तिक ऑनलाइन सेंटर को और यहां पर तैनात रहने वाले 7 कर्मचारियों को इसके लिए दोषी पाया है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

22 people got SSC jobs by burglary in online examination FIR against 7 accused by UP STF Gorakhpur
एफआईआर की कॉपी (22 people got SSC jobs by burglary in online examination FIR against 7 accused by UP STF Gorakhpur)

इस मामले में एक व्यक्ति ने राष्ट्रपति को शिकायती पत्र भेज कर उनसे जांच करने और एक्शन लेने की गुजारिश की थी. इसके बाद प्रयागराज भर्ती बोर्ड ने जांच का अनुरोध एसटीएफ से किया था. एसएससी की परीक्षा कराने की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी के हाथ में थी. जिसका नाम एमटीएस था. यह कंपनी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ऑनलाइन सेंटर के माध्यम से इस परीक्षा को करा रही थी. एसटीएफ की जांच में यह पता चला कि गोरखपुर के गीडा थाना क्षेत्र में स्थित स्वस्तिक कंप्यूटर सेंटर से जो 37 अभ्यर्थी सफल हुए थे. उसमें 22 ऐसे थे, जो टॉप 200 में शामिल थे.

जांच में यह पता चला कि इन अभ्यर्थियों के कंप्यूटर के मॉनिटर बिना किसी के आदेश के बदले गए. फिर एनी डेस्क के माध्यम से उनके पेपर को सॉल्व किया गया. केंद्र के सभी कर्मचारियों की मिली भगत से इसमें नकल हुई थी. इसमें इन परीक्षार्थियों ने परीक्षा में रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की. इस मामले में गीडा पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. आरोपी नामजद लोगों की धर पकड़ के लिए दबिश दी जा रही है. एसटीएफ ने FIR में उल्लेख किया है कि यह परीक्षा 2023 तक स्वस्तिक ऑनलाइन सेंटर पर हुई थी. केंद्र के भीतर कुल 798 कंप्यूटर लगे थे, लेकिन कुल 37 लोग ही इस परीक्षा में पास हुए. इनमें से 22 लोग ऐसे थे, जिनको ऊंची रैंक मिली.

एफआईआर में बताया गया है कि झाझर निवासी चरण सिंह चौधरी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस परीक्षा में धांधली की शिकायत की थी. इसका संज्ञान लेकर एसएससी मुख्यालय नई दिल्ली को एक पत्र भेजा गया. इस पर मुख्यालय ने प्रयागराज भर्ती बोर्ड से इस मामले में पत्र भेज कर जवाब मांगा. फिर धांधली को उजागर करने के लिए प्रयागराज भर्ती बोर्ड ने इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी. यूपी एसटीएफ जब इस मामले की जांच करने लगी, तो वारदात का पर्दाफाश सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हो गया.

इसमें पाया गया कि परीक्षा के दौरान 21 अभ्यर्थियों के मॉनिटर बदले गये थे. एक अभ्यर्थी सॉल्वर के बगल में ही परीक्षा देने के लिए बिठाया गया था. इस मामले में गोरखपुर एसटीएफ के प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई. इसमें आरोपी के रूप में केंद्र के संचालक राजीव रंजन, कक्ष निरीक्षक योगेश कुमार गौतम, आईटी मैनेजर अवनीश कुमार, कंपाउंडिंग ऑफिसर परमहंस यादव और एमटीएस कंपनी के प्रभारी रामस्वरूप यादव को नामजद किया गया है. एसएसपी गोरखपुर डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि एसटीएफ की ओर से आई जांच रिपोर्ट के आधार पर ही गीडा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. पुलिस जांच करेगी और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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