ETV Bharat / bharat

राम मंदिर निर्माण में बना 15 लाख मिलियन घंटे मानव श्रम का रिकार्ड - AYODHYA RAM MANDIR

राम जन्मभूमि के निर्माण में लगभग 15 लाख क्यूबिक फीट पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है. यह अपने अपने आप में एक रिकार्ड है.

ETV Bharat
राम मंदिर निर्माण (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 20, 2024, 8:39 PM IST

अयोध्या: राम जन्मभूमि के निर्माण में लगभग 15 लाख क्यूबिक फीट पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है. इसमें मंदिर निर्माण में 15 लाख मिलियन घंटे से भी अधिक का मानव श्रम लगा है, जो कि अपने अपने आप में एक रिकार्ड है.

उत्तर भारत के नागर शैली की परंपरा में राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इसका क्षेत्रफल 380 फीट लम्बाई, 250 फीट चौडाई और उंचाई 161 फीट है. मन्दिर में 392 स्तम्भों एवं 44 कपाटों वाला पूर्वाभिमुखी मंदिर है. इसके मुख्य सिंहद्वार पर 32 सीढ़ियां है. जिसे राजस्थान के बंशी पहाड़पुर पत्थरों से बनाया जा रहा है.

पांच मण्डप वाला श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर हैं. जिसमें नृत्य मंडप,रंग मंडप,सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप का निर्माण किया गया है. इसके साथ मंदिर के ही पास में एक ऐतिहासिक कुआं 'सीता कूप' है. 70 एकड़ के परिसर ने दक्षिणी पश्चिमी कोने की ओर कुबेर टीला है. इस पर गीधराज जटायु की मूर्ति स्थापित की गई है.

इसे भी पढ़ें - राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ; 11 जनवरी से होगा कार्यक्रम, 3 दिन तक चलेगा, पुख्ता रहेगी सुरक्षा व्यवस्था - RAM MANDIR ANNIVERSARY

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि मन्दिर की नींव चौदह मीटर मोटी सीमेंट की परतों वाली है. जो मजबूत चट्टान का आभास देती है. पूरे निर्माण में कहीं लोहे का प्रयोग नहीं है. धरती की नमी से रक्षा के लिए इक्कीस फीट ऊंचा प्लिन्थ ग्रेनाइट इस्तेमाल किया गया है. राम मन्दिर का सीवेज और पानी का अपना ट्रीटमेंट प्लांट है. आग पर नियंत्रण के लिए अपनी जल आपूर्ति प्रणाली है. साथ ही मन्दिर परिसर के लिए पावर स्टेशन का भी निर्माण किया गया है.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के मुताबिक प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं के आवागमन के बीच निर्माण में निरन्तरता सामान्य नहीं है. लेकिन, इसको लेकर शुरु से ही सावधानी रखी गई है. परमात्मा की कृपा से सब अच्छा-अच्छा हो रहा है. टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स के सहयोग से मंदिर निर्माण के लिए उत्तरदायी एजेंसी लार्सन एंड टुब्रो को नेशनल सेफ्टी काउंसिल ने गोल्डन ट्रॉफी भी प्रदान की है. एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह भी रही कि 500 साल के संघर्ष के बाद प्रारम्भ हुए मन्दिर निर्माण में 15 लाख मिलियन घंटे से भी अधिक का मानव श्रम अपने आप में रिकार्ड बन गया है.

अयोध्या: राम जन्मभूमि के निर्माण में लगभग 15 लाख क्यूबिक फीट पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है. इसमें मंदिर निर्माण में 15 लाख मिलियन घंटे से भी अधिक का मानव श्रम लगा है, जो कि अपने अपने आप में एक रिकार्ड है.

उत्तर भारत के नागर शैली की परंपरा में राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इसका क्षेत्रफल 380 फीट लम्बाई, 250 फीट चौडाई और उंचाई 161 फीट है. मन्दिर में 392 स्तम्भों एवं 44 कपाटों वाला पूर्वाभिमुखी मंदिर है. इसके मुख्य सिंहद्वार पर 32 सीढ़ियां है. जिसे राजस्थान के बंशी पहाड़पुर पत्थरों से बनाया जा रहा है.

पांच मण्डप वाला श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर हैं. जिसमें नृत्य मंडप,रंग मंडप,सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप का निर्माण किया गया है. इसके साथ मंदिर के ही पास में एक ऐतिहासिक कुआं 'सीता कूप' है. 70 एकड़ के परिसर ने दक्षिणी पश्चिमी कोने की ओर कुबेर टीला है. इस पर गीधराज जटायु की मूर्ति स्थापित की गई है.

इसे भी पढ़ें - राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ; 11 जनवरी से होगा कार्यक्रम, 3 दिन तक चलेगा, पुख्ता रहेगी सुरक्षा व्यवस्था - RAM MANDIR ANNIVERSARY

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि मन्दिर की नींव चौदह मीटर मोटी सीमेंट की परतों वाली है. जो मजबूत चट्टान का आभास देती है. पूरे निर्माण में कहीं लोहे का प्रयोग नहीं है. धरती की नमी से रक्षा के लिए इक्कीस फीट ऊंचा प्लिन्थ ग्रेनाइट इस्तेमाल किया गया है. राम मन्दिर का सीवेज और पानी का अपना ट्रीटमेंट प्लांट है. आग पर नियंत्रण के लिए अपनी जल आपूर्ति प्रणाली है. साथ ही मन्दिर परिसर के लिए पावर स्टेशन का भी निर्माण किया गया है.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के मुताबिक प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं के आवागमन के बीच निर्माण में निरन्तरता सामान्य नहीं है. लेकिन, इसको लेकर शुरु से ही सावधानी रखी गई है. परमात्मा की कृपा से सब अच्छा-अच्छा हो रहा है. टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स के सहयोग से मंदिर निर्माण के लिए उत्तरदायी एजेंसी लार्सन एंड टुब्रो को नेशनल सेफ्टी काउंसिल ने गोल्डन ट्रॉफी भी प्रदान की है. एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह भी रही कि 500 साल के संघर्ष के बाद प्रारम्भ हुए मन्दिर निर्माण में 15 लाख मिलियन घंटे से भी अधिक का मानव श्रम अपने आप में रिकार्ड बन गया है.


यह भी पढ़ें - राम मंदिर परिसर में बन रहे 18 अन्य मंदिर, निर्माण कार्य के लिए बढ़ाए गए 500 श्रमिक - AYODHYA RAM MANDIR

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.