उत्तरकाशी: यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद मजदूरों में निराश है. सुरंग निर्माण का काम दोबारा शुरू होने को लेकर भी मजदूर असमंजस में हैं. जिसके चलते 10 से 12 हजार प्रतिमाह मानेदय पर काम करने वाले मजदूर अब बिना मानदेय के ही अपने घरों के लिए रवाना होने लगे हैं.
सुरंग निर्माण में हेल्पर का काम करने वाले बिंदुखत्ता नैनीताल के रविंद्र सिंह कोहली का कहना है कि हादसे के बाद सुरंग का निर्माण कार्य दोबारा शुरू होने की उम्मीद कम है. रविंद्र ने बताया उन्हें 15 से 20 हजार रूपए का भुगतान नहीं हुआ है. अब हादसे के बाद ठेकेदार कंपनी उन्हें घर जाने के लिए भी पूरा किराया नहीं दे रहीं हैं. उन्हें केवल हजार रुपए दिए गए हैं, जबकि घर जाने के लिए भी डेढ़ से दो हजार रुपए किराया लगता है.
उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसा
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वहीं, बिहार के सारण जिले के रहने वाले जितेंद्र कुमार ने बताया वह यहां एक नवंबर को ही पहुंचा था. 5 हजार रुपए मानदेय में से केवल 2 हजार रुपए दिए जाने का ही आश्वासन मिला है. जितेंद्र ने कहा वह यहां दोबारा नहीं आएगा. जितेंद्र ने बताया उनके साथ के करीब 11 लोग सुरंग हादसे के बाद बिना पूरा मानदेय लिए बिना ही घरों को लौट चुके हैं.
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इधर, ठेकेदार कंपनी के हेड इंचार्ज राकेश अवस्थी का कहना है हादसे के बाद ठेकेदार कंपनी का करीब 15 से 20 लाख रुपए का भुगतान लंबित है. जैसे ही भुगतान होगा, सभी मजदूराें को उनका पूरा मानदेय दे दिया जाएगा. अभी केवल उन्हें किराये के पैसे ही दिये जा रहे हैं.
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बता दें उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर की सुबह एक हिस्से में लैंडस्लाइड हो गया था. जिसके बाद सात राज्यों के 41 मजदूर टनल के अंदर फंस गये. टनल के अंदन फंसे इन मजदूरों को निकालने के लिए पिछले 14 दिनों से कोशिश की जा रही है. मजदूर उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में 60 मीटर पर मलबा फैला है. जिसमें ड्रिलिंग कर मजदूरों को निकालने की योजना है. इसमें से 47 मीटर की ड्रिलिंग पूरी की जा चुकी है. आखिरी चरण में मलबे में सरिया, बोल्डर आने से रेस्क्यू ऑपरेशन बाधित हुआ है. अब मलबे में ड्रिलिंग के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मशीन मंगाई गई है. इस मशीन के पहुंचने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को रफ्तार मिलेगी.