उत्तरकाशीः भटवाड़ी ब्लॉक के मस्ताड़ी गांव में भारी बारिश के कारण कई घरों के अंदर से पानी का रिसाव शुरू हो गया. ग्रामीणों के आवासीय मकान और गौशालाएं पानी से लबालब हो गई. जिससे ग्रामीण दहशत में आ गए. इतना ही नहीं उन्होंने जोशीमठ के हालात याद आ गए. वहीं, ग्राम प्रधान ने आनन फानन में इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी. सूचना मिलते ही जिला प्रशासन व आपदा प्रबंधन की टीम देर रात मस्ताडी गांव पहुंची और पूरे गांव का निरीक्षण किया, लेकिन ग्रामीण पूरी रातभर दहशत में रहे.
भूकंप के बाद आपदा का दंश झेल रहा मस्ताड़ी गांवःग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव साल 1991 के भूकंप के बाद से आपदा का दंश झेल रहा है. बरसात का मौसम शुरू होने पर हर साल मस्ताड़ी गांव के घरों से पानी के रिसाव की समस्या बनी रहती है. यहां पर कई बार भू वैज्ञानिकों की ओर से सर्वे किया गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया. जिससे ग्रामीणों के मकान भूं धसाव की जद में हैं.
कई घरों में फूटा पानीःग्रामीण बीते लंबे समय से विस्थापन की मांग कर रहे हैं. अब आलम ये है कि मस्ताड़ी गांव में ग्रामीणों के सामने खुद के रहने का संकट भी खड़ा हो गया है. कमरों, किचन समेत गौशालाओं के अंदर से काफी मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा है. भू धंसाव की जद में आने वाले मकानों की संख्या एक दर्जन से भी ज्यादा है.
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