उत्तरकाशी: जिले में शुक्रवार को एक बार फिर से राहत और बचाव कार्य में लगा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. आराकोट से चिवां गांव के लिये उड़ान भरने के बाद ये हेलीकॉप्टर भी ट्रॉली के लगे तारों से टकरा गया, जिसके कारण पायलट ने टिकोची में हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करवाने की कोशिश की. नतीजा ये रहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. बता दें कि इससे पहले बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना भी ट्रॉली से लगे तारों के कारण हुई थी.
एक बार फिर हेलीकॉप्टर हादसे का कारण बने ट्रॉली तार शुक्रवार को टिकोची में हुई घटना ने एक बार फिर से बुधवार के जख्मों को हरा कर दिया है. टिकोची में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए थे. आराकोट के कोटिगाड़ पट्टी में सेब का बागीचों में लगी ट्रॉली के तारों से हेलीकॉप्टर के टकराने के बाद ये हादसा हुआ था. जिसके बाद शुक्रवार को एक बार फिर से वही तार दुर्घटना का कारण बने.
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शुक्रवार दोपहर को निजी कम्पनी आर्यन एयरवेज के पायलट सुशांत जीना और को-पायलट अजीत कुमार आराकोट से राहत समाग्री और राशन लेकर चिवां गांव के लिए रवाना हुए. तभी टिकोची गांव के ऊपर आते ही पायलट को दूर एक ट्रॉली की तार दिखाई दी, जिस पर उसने खतरे को भांपते हुए टिकोची में नदी किनारे दिख रही समतल जमीन पर इमरजेंसी लैंडिंग का विचार बनाया. तभी लैंडिंग के दौरान आपदा में आए पत्थरों से हेलीकॉप्टर जा टकराया. घटना की जानकारी मिलते ही टिकोची गांव के लोग और विभागीय कर्मचारी राहत और बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंचे.
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विभागीय कर्मचारियों ने दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का दरवाजा खोलकर पायलट और को-पायलट को बाहर निकाला. वहीं घटना की जानकारी मिलते ही सीडीओ प्रशांत आर्य भी मौके पर पहुंच चुके हैं. इस घटना में हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं. पायलट को चोट लगी है, उन्हें आराकोट अस्पताल ले जाया गया. वहीं तीन दिन के अंदर दूसरे हेलीकॉप्टर हादसे ने ट्रॉली तार की मैपिंग पर बड़े सवाल खड़े किये हैं.