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बर्फबारी के बीच शीतकालीन प्रवास के लिए अपने मायके पहुंचीं मां गंगा और यमुना - यमुनोत्री धाम के कपाट बंद

आगामी छह महीनों तक मां गंगा की पूजा मुखबा और मां यमुना की पूजा खरसाली में होगी. मुखबा और खरसाली को मां गंगा और यमुना का मायका कहा जाता है.

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मायके पहुंची मां गंगा और यमुना

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Published : Nov 16, 2020, 8:30 PM IST

Updated : Nov 18, 2020, 3:34 PM IST

उत्तरकाशी: मां गंगा और यमुना जी भैयादूज के दिन अपने 6 माह के शीतकाल प्रवास के लिए मुखबा और खरसाली में विधि विधान के साथ विराजमान हो चुकी हैं. मां गंगा (गंगोत्री धाम) के कपाट बीते रविवार को बंद कर दिए गए थे, लेकिन गंगोत्री से मुखबा की पैदल दूरी अधिक होने के कारण मां गंगा एक रात्रि आधे मार्ग में विश्राम करती हैं. उसके बाद मां गंगा और यमुना अपने शीतकालीन प्रवास में एक ही दिन पहुंचती हैं.

मायके पहुंचीं मां गंगा और यमुना

सीजन की पहली बर्फबारी, ढोल दमाऊ और आर्मी बैंड के साथ मां गंगा की डोली सोमवार दोपहर को मुखबा गांव पहुंची, जहां पर ग्रामीणों ने मां गंगा का जोरदार स्वागत किया. वहीं बर्फबारी के बीच कड़ाके की ठंड में मां गंगा की अगुवाई में हर्षिल में तैनात बिहार रेजिमेंट के बैंड की धुनों और उनकी कलाबाजियों ने सबको अभिभूत कर दिया.

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वहीं दूसरी ओर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने पर मां यमुना जी की डोली शनि महाराज की डोली के साथ भारी बर्फबारी के बीच खरसाली पहुंची, जहां पर ग्रामीणों ने लोक वाद्य यंत्रों पर रासो तांदी नृत्य का आयोजन कर खुशी जताई और मां यमुना जी का आशीर्वाद लिया.

Last Updated : Nov 18, 2020, 3:34 PM IST

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