उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड का भवन पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में है. आलम यह है 7 गांव के लगभग 150 छात्र-छात्राएं इस जर्जर विद्यालय में पढ़ने को मजबूर है. स्थिति विद्यालय की तब ज्यादा खराब हो जाती है, जब बारिश का मौसम होता है. बारिश में स्कूल की छत टपकने लगती है, जिससे पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
यही नहीं विद्यालय भवन इतना जर्जर हो रखा है कि भवन की दीवारों में दरारें पड़ी हुई है. छत की बलिया सड़ चुकी है. बावजूद इसके विद्यालय में पढ़ने वाले नौनिहाल डर के साए में पढ़ने को मजबूर है. राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड के विद्यालय भवन निर्माण कार्य 2012 में 97.80 लाख की लागत से शुरू हुआ था, लेकिन 2015 में धन की कमी के कारण विद्यालय भवन आधा अधूरा ही बन पाया. आज भी भवन आधा ही बना हुआ धूल फांक रहा है.
राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड 1982 में उच्चीकृत हुआ था. विद्यालय भवन की मांग को लेकर क्षेत्र के लोगों ने कई बार शासन और प्रशासन को अवगत करवाया, लेकिन बावजूद इसके आज तक यहां पर विद्यालय भवन नहीं बन पाया है. जिसके कारण विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को जर्जर भवन में पठन-पाठन करना पड़ता है. विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि स्कूल में पढ़ाई करते समय काफी डर लगता है. मन में यही डर रहता है कि कहीं कोई हादसा ना हो जाए.