उत्तरकाशीः वरुणावत पर्वत ने साल 2003 में नगर के ऊपर काफी कहर बरपाया था. आज भी स्थानीय लोग इस त्रासदी को यादकर सिहर उठते हैं. इस घटना के बाद से ही वरुणावत पर्वत पर ट्रीटमेंट का किया जा रहा है. जिस पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक स्लाइडिंग जोन का ट्रीटमेंट कार्य पूरा नहीं हो पाया है. वहीं, लोनिवि दूसरे फेज का ट्रीटमेंट कार्य कर रहा है. जो 26 जून तक पूरा करना था. जो अभी भी जारी है. ऐसे में बरसात के दौरान नगरवासियों को डर के साये में जीना पड़ रहा है.
बता दें कि वरुणावत पर्वत ने साल 2003 में उत्तरकाशी नगर में भारी तबाही मचाई थी. वरुणावत पर्वत के ट्रीटमेंट के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार में 282 करोड़ की धनराशि दी थी. उसके बाद वरुणावत पर्वत पर ट्रीटमेंट का कार्य शुरू किया गया, लेकिन अभी तक समस्याएं कम नहीं हुई है. ये पर्वत आए दिन शहरवासियों की नींद उड़ा देता है. बरसात के दौरान तो इसके तलहटी पर बसे उत्तरकाशी नगर क्षेत्र के लिए लगातार खतरा बना रहता है.
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कई बार के ट्रीटमेंट के बाद भी वरुणावत की स्थिति नहीं सुधर रही है. जो शासन और प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है. हर साल इसके ट्रीटमेंट के लिए प्रस्ताव बनते हैं और धनराशि स्वीकृत होती है. इतना ही नहीं ट्रीटमेंट का कार्य भी कर लिया जाता है, लेकिन पहाड़ी से भूस्खलन होकर ट्रीटमेंट कार्य पर पानी फिर जाता है.