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सरिया और केबल के सहारे हवा में 'जिंदगी', जान हथेली पर रखकर नदी पार कर रही छात्राएं

उत्तराखंड में इन दिनों जमकर बारिश हो रही है. जिसके कारण नदी नाले उफान पर है. जिसके कारण कई जगहों पर पुल, पुलिया बह गये हैं. जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उत्तरकाशी केलशू घाटी में छात्र केबिल के सहारे उफान पर बह रहे गदेरे को पार करने को मजबूर हैं.

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जान जोखिम में डालकर उफनती नदी पार कर रही रही छात्राएं

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Published : Aug 16, 2023, 6:44 PM IST

Updated : Aug 16, 2023, 6:52 PM IST

जान जोखिम में डालकर उफनती नदी पार कर रही रही छात्राएं

उत्तरकाशी: जनपद में ग्रामीण स्तर पर छात्राओं की दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं. कभी ट्रॉली तो कभी गाड़ गदेरों में अपनी जान जोखिम में डालकर छात्राएं स्कूल को जाने में मजबूर हैं. ऐसा ही मामला भटवाड़ी ब्लॉक के केलशू घाटी से सामने आया है. यहां भी छात्राएं उफान पर बह रहे गदेरे के ऊपर पाइप और केबिल के सहारे पार करने को मजबूर हैं.

भटवाड़ी विकासखंड के केलशू घाटी में छात्र और छात्राओं को संगमचट्टी-अगोड़ा मोटर मार्ग पर नौगांव के समीप उफान पर बह रहे गदेरे के ऊपर पाइप और केबिल के सहारे पार कर रहे हैं. यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. यहां प्रशासन की ओर से आवाजाही के लिए अभी तक कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि शासन प्रशासन किसी बड़ी दुघर्टना का इंतजार कर रहा है. क्षेत्र पंचायत सदस्य नौगांव राकेश रावत ने बताया संगमचट्टी-अगोड़ा मोटर मार्ग पर नौगांव के घराट नामे तोक में गदेरे इन दिनों ऊफान पर बह रहे हैं. पुल न होने के कारण छात्र-छात्राओं को जान जोखिम में डालकर गदेरा पार करना पड़ रहा है.

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ग्रामीणों ने वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए गदेरे के ऊपर पाइप और केबिल लगाई है. इस संबध में कई बार जिला प्रशासन सहित सड़क की कार्यदायी संस्था पीएमजीएसवाई सहित पुल की कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल को भी सूचना दी गई, मगर आजतक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया सड़क बंद होने के कारण ग्रामीणों और छात्र-छात्राएं हर दिन आवाजाही कर रहे हैं.पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता आशीष भट्ट ने कहा ब्रिडकुल के अधिकारी कर्मचारी जिले में नहीं रहते. वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था के लिए ह्यूम पाइप लगाकर मलबे से भरा गया, लेकिन तीन दिन पूर्व हुई तेज बारिश के कारण वह बह गए. विभाग की मशीनरी वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुटी हुइ है. वे खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

Last Updated : Aug 16, 2023, 6:52 PM IST

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