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प्रताप की छत पर है हिमालय पादप बैंक, जड़ी-बूटी से लेकर वृक्षों की पौध है उपलब्ध

उत्तरकाशी में पर्यावरण संरक्षण के लिए सालों से काम कर रहे श्याम स्मृति वन के संरक्षक प्रताप सिंह पोखरियाल ने अपने घर की छत पर हिमालय पादप बैंक की स्थापना की है. यहां उच्च हिमालय क्षेत्रों और मैदानी इलाकों के पौधों सहित जड़ी-बूटियां और सजावट के लिए वृक्षों की पौध उपलब्ध होगी.

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Published : Mar 16, 2021, 4:31 PM IST

उत्तरकाशी:पर्यावरण संरक्षण के लिए वर्षों से कार्य रहे श्याम स्मृति वन के संरक्षक प्रताप सिंह पोखरियाल की मेहनत एक बार फिर रंग लाई है. प्रताप पोखरियाल ने शिक्षा जगत और अन्य सामाजिक क्षेत्रों के लोगों की मदद से अपने घर की छत पर हिमालय पादप बैंक की स्थापना की है. जहां पर उच्च हिमालय क्षेत्रों और मैदानी इलाकों के पौधे सहित जड़ी-बूटियों और सजावट के लिए वृक्षों की पौध उपलब्ध हो पाएगी. साथ ही पीजी कॉलेज और स्कूली छात्र-छात्राओं को जनपद में वनस्पति विज्ञान की जानकारियों के लिए एक भंडार यहां पर उपलब्ध हो पाएगा. पर्यावरणविद प्रताप पोखरियाल के इस भगीरथ प्रयास को डीएम एसपी सहित डीएफओ उत्तरकाशी ने भी सराहा और भविष्य में हर सम्भव मदद देने का आश्वासन दिया है.

पर्यावरणविद प्रताप पोखरियाल ने घर की छत पर की हिमालय पादक बैंक की स्थापना

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सोमवार को डीएम मयूर दीक्षित सहित एसपी मणिकांत मिश्रा ने पर्यावरणविद प्रताप पोखरियाल के ईको हिमालय पादप बैंक का विधिवत उद्घाटन किया. इस पादप बैंक में 400 उच्च हिमालय क्षेत्र, मैदानी इलाकों सहित जड़ी बूटियों की वनस्पति मौजूद है. इस मौके पर पर्यावरणविद प्रताप पोखरियाल ने कहा कि इस बैंक को बनाने का मुख्य उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोग पर्यावरण संरक्षण के साथ जुड़ सकें. साथ ही ऐसे स्थानों पर भी वृक्षारोपण किया जाएगा, जहां पर वृक्षों की अति आवश्यकता है. साथ ही यहां पर स्कूली बच्चों और कॉलेज के छात्रों के लिए भी वनस्पति विज्ञान की पूरी जानकारी मिल सके, एक ऐसा माहौल तैयार किया जाएगा.

इस मौके पर डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि प्रताप पोखरियाल का यह प्रयास अतुलनीय है. साथ ही डीएम ने हिमालय पादप बैंक को आगे मदद के लिए आश्वासन दिया कि उद्यान विभाग की ओर से पॉली हाउस और मधुमक्खी पालन के लिए सम्भव मदद दी जाएगी. पर्यावरणविद प्रताप पोखरियाल विगत 40 सालों से पर्यावरण सरक्षंण के लिए कार्य कर रहे हैं. पोखरियाल ने अपने गांव भेंत में भी 4 मिश्रित वन बनाए हैं. साथ ही वरुणावत की तलहटी पर एक बायोडाइवर्सिटी जंगल तैयार किया है, जो कि वनस्पति विज्ञान का अनूठा उदाहरण है.

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