उत्तरकाशीः विश्व पर्यावरण दिवस पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में विभिन्न संगठनों ने स्वच्छता अभियान चलाया. इस दौरान उन्होंने तीर्थयात्रियों समेत अन्य लोगों से मां गंगा को निर्मल और स्वच्छ बनाए रखने की अपील की. साथ ही गंगा विचार मंच ने धाम में पहुंचे लोगों को गंगा को स्वच्छ रखने की शपथ दिलाई.
विश्व पर्यावरण दिवस पर गंगोत्री धाम में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा विचार मंच ने आईटीबीपी महिडांडा की 35वीं वाहिनी के 50 जवानों, सीमा सड़क संगठन के 20, वन विभाग गंगोत्री नेशनल पार्क के 31 वन कर्मियों, गंगोत्री नगर पंचायत के 30 कर्मचारी, जिला प्रशासन और मंदिर समिति गंगोत्री के कार्यकर्ताओं के साथ मां गंगा के तट पर वृहद स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया.
गंगोत्री में स्वच्छता अभियान 12 बोरे कूड़ा किया गया जमाःइस अभियान में गंगा में विसर्जित किए गए सामान, पुराने कपड़ों और प्लास्टिक की खाली बोतलों आदि के 12 बोरे एकत्रित किया गया. गंगा नदी की बीच धारा में फंसे वस्त्रों को लंबे हुक लगे बांस से निकाला गया. गंगा विचार मंच उत्तराखंड के प्रांत संयोजक लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि मां गंगा को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है.
यमुनोत्री धाम में सफाई अभियानःवहीं, यमुनोत्री धाम में भी तीर्थपुरोहितों, पुलिस एसडीआरएफ समेत अन्य लोगों ने यमुना नदी में सफाई अभियान चलाया. इस दौरान तीर्थयात्रियों को मां यमुना की धारा को स्वच्छ बनाने की अपील की गई. इधर, राजकीय इंटर कॉलेज हर्षिल में गंगा विश्व धरोहर मंच के तत्वाधान में इस साल की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम 'प्लास्टिक पॉल्यूशन की समस्या का हल' विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया.
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सिंगल यूज प्लास्टिक बना गंगा और जलीय जीवों के लिए घातकःउच्च हिमालयी वनस्पतियों का रोपण भी किया गया. गंगा विश्व धरोहर मंच के संयोजक डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने कहा कि गंगा नदी का जल आज कई तरह के प्लास्टिक से प्रदूषित होता रहा है, जिसमें सिंगल यूज प्लास्टिक और प्लास्टिक से बनने वाले प्रोडक्ट शामिल हैं. गंगा नदी में होने वाला यह प्लास्टिक प्रदूषण विभिन्न मछलियों समेत लुप्तप्राय प्रजाति के कई जलीय जीवों के लिए बहुत बड़ा खतरा है.
गंगा ग्राम बगोरी की प्रधान सरिता रावत प्लास्टिक प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य करने की जरूरत है. गंगा ग्राम के प्रधान दिनेश सिंह रावत ने कहा कि हर्षिल में कचरा प्रबंधन के लिए ठोस पहल की जा रही है, जो आने वक्त में इको हर्षिल के रूप में परिणित होगी. इस अवसर विज्ञान संचारक निर्मल नियोलिया, लोकेंद्र पाल सिंह परमार, श्रद्धा परमार ने छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए वैज्ञानिक नुस्खे व तरीके समझाए. जीआईसी परिसर हर्षिल और हाईस्कूल झाला में थुनेर, आमील, देवदार आदि के पौधों का रोपण किया गया.