उत्तरकाशी: गंगोत्री हाईवे चारधाम यात्रा के साथ ही सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. लेकिन 2013 में आपदा आने के बाद से अभी तक टूटे पुलों का निर्माण नहीं हो सका है. विगत 6 वर्षों से वैली पुलों के सहारे चारधाम यात्रा कराई जा रही है. साथ ही देश की सुरक्षा के साथ भी यहां खिलवाड़ किया जा रहा है. यह हम नहीं बल्कि विगत दो वर्षों में घटी घटनाओं से साफ बयां होता है.
आपको बता दें कि गंगोत्री हाईवे पर गंगोरी, स्वरिगाड और चुंगी बड़ेथी तीन अहम पुल हैं. लेकिन इन जर्जर पुलों के चलते वैली पुलों के सहारे ही इस बार भी चारधाम यात्रा का संचालन किया जाएगा. अगर ऐसी स्थिति में कोई वैली ब्रिज क्षतिग्रस्त होता है, तो पूरी चारधाम यात्रा पर विराम लग जाएगा. साथ ही सीमा पर तैनात सैनिकों को भी रशद सामग्री पहुंचाना भी मुश्किल हो जाएगा. जिसका उदाहरण साल 2014 और 2017 में भी देखा जा चुका है. जहां गंगोरी पुल टूटने से सैकड़ों गांव और अंतरराष्ट्रीय सीमा का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट गया था. वहीं स्वरिगाड पुल की जर्जर स्थिति लगातार हादसे को दावत दे रही है. वहीं चुंगी बड़ेथी पुल को ऑल वेदर रोड के तहत तोड़ा गया था. लेकिन इसका निर्माण कब तक पूरा होगा इस पर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है.