उत्तरकाशी: भारत मां की सुरक्षा में देश के कई सुरक्षाबलों के सैनिक तैनात हैं. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ऐसा ही एक बल है जो कि देश की सुरक्षा में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन का नाम सेना सुरक्षा की प्रथम पंक्ति में लिया जाता है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन देश की सेना और आईटीबीपी के साथ भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर देश की सुरक्षा में अहम योगदान निभा रही है.
अंतरराष्ट्रीय सीमाओं तक सड़कों का जाल बिछा रही BRO बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन देश की सेना के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंतिम छोर तक विषम परिस्थितियों के बीच सड़क निर्माण करती है. जिससे भारत माता की सीमा की सुरक्षा और आन-बान-शान में किसी प्रकार की चूक न हो. उत्तरकाशी के नेलांग सहित सोनम घाटी से करीब 122 किमी. लंबी भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी हुई है. जहां पर बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन एक अहम भूमिका निभाती है.
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यहां पर बीआरओ के पास सोनम तक सड़क निर्माण और सुरक्षा का जिम्मा है. जिस पर बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने विगत कुछ सालों में बहुत तेजी दिखाई है. बीआरओ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सोनम तक ब्लैक टॉप सड़कों का निर्माण कर सेना की राह आसान कर दी है. बीआरओ ने पिछले साल भैरोंघाटी से नाग तक सड़क निर्माण पूरा किया था, तो वहीं अब सोनम तक सड़क निर्माण का कार्य लगभग अंतिम चरण में है.
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साथ ही बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन की ओर से उत्तरकाशी से गंगोत्री तक डबल लेन सड़क का निर्माण कर उसे ब्लैक टॉप कर दिया गया है. साथ ही संकरी सड़कों को चौड़ा करने के साथ ही डेंजर जोन को भी मजबूत किया गया है.
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जिससे सेना सहित आईटीबीपी के वाहनों को सीमा पर रसद सहित अन्य समाग्री पहुंचाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो. वहीं, पिछले सालों में बीआरओ ने जाड़ गंगा पर 12,500 फीट की ऊंचाई पर नागा में 45 फीट लम्बे पुल का निर्माण किया. जिससे सेना की राह और भी आसान हो गई है.