उत्तरकाशी: बीते दिनों कोठीगाड़ में आई जलप्रलय से स्थानीय लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. वहीं, इस आपदा ने बागवानी की भी कमर तोड़ कर रख दी. जहां इस माह के अंत तक सेब मंडियों तक पहुंच जाते थे, वहीं, आज ये नकदी फसल यूं ही बर्बाद हो रही है.
बता दें आराकोट बंगाण क्षेत्र की कोठीगाड़ पट्टी स्थित गांवों का मुख्या आजीविका का साधन बागवानी ही है. वहीं, बीते दिनों आई जलप्रलय से सेब बागवानों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. स्थिति यह है कि जिस जमीन पर कभी सेब की बागान थे. वहां अब जमीन तक नहीं है. पूरे क्षेत्र की बात करें तो यहां करीब 128 हेक्टेयर बागवानी को नुकसान पहुंचा है.
माकुड़ी गांव निवासी अमन भट्ट का कहना है कि कोठीगाड़ क्षेत्र के हर व्यक्ति की आजीविका सेब उत्पादन पर टिकी हुई है. इस महीने तक हर गांव में सेब मंडियों तत पहुंचाने का काम होता था. लेकिन इस साल सेब बागवान आपदा की मार झेल रहे हैं.