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राख के ढेर में पढ़ने को मजबूर बच्चे, आंखों में जलन और सांस लेने में छात्र-छात्राओं को हो रही परेशानी

स्कूल प्रांगण में गड्ढे भरने के लिए रखी आग कॉलोनी वासियों और रेलवे के कर्मचारियों के दफ्तरों के अलावा स्कूली बच्चों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. जो तेज हवा के साथ लोगों के घरों तक पहुंच रहा है.

स्कूली बच्चों को राख से हो रही परेशानी.

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Published : May 17, 2019, 4:20 PM IST

काशीपुर: शहर के टांडा उज्जैन के राजकीय प्राथमिक और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में गड्ढे भरने के नाम पर मिट्टी की जगह राख डाली जा रही है. जिसका स्थानीय लोगों ने पुरजोर विरोध किया. लोगों का कहना है कि स्कूल प्रांगण में राख डाले जाने से स्थानीय लोगों के साथ ही बच्चों के सेहत में गलत असर पड़ रहा है. वहीं लोगों ने राख को जल्द हटाए जाने की मांग की है.

लोगों ने की जल्द राख हटाए जाने की मांग.

गौर हो कि स्कूल प्रांगण में गड्ढे भरने के लिए रखी आग कॉलोनी वासियों और रेलवे के कर्मचारियों के दफ्तरों के अलावा स्कूली बच्चों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. जो तेज हवा के साथ लोगों के घरों तक पहुंच रहा है. दरअसल काशीपुर में टांडा उज्जैन के राजकीय प्राथमिक विद्यालय तथा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रेलवे की भूमि पर बना हुआ है. जिसमें कई छात्र-छात्राएं अध्यन करते हैं. विद्यालय के प्रांगण में गड्ढे भरने के नाम पर मिट्टी की जगह राख डाली जा रही है. जिसका बच्चों के अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने विरोध किया है.

वहीं इस मामले में रेलवे के इलेक्ट्रिकल विभाग में कार्यालय अधीक्षक छोटे लाल यादव ने कहा कि पिछले 1 महीने से यह राख इस मैदान पर ऐसे ही पड़ी है. जिससे काफी परेशानी हो रही है. वहीं स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के मुताबिक इंटरवेल में इस मैदान पर राख की वजह से खेलना दूभर हो जाता है. राख की वजह से उनकी आंखों में जलन और सांस लेने में भी दिक्कत होती है. वहीं विद्यालय के प्रधानाचार्य नीरज कुमार के मुताबिक दोनों ही स्कूलों के खेल का मैदान एक ही है और दोनों ही स्कूलों के बच्चे इस मैदान पर खेलते हैं.

मैदान में काफी गड्ढे बन गए थे, काशीपुर उप जिला अधिकारी की अनुमति से इंडिया ग्लाइकोल लिमिटेड (आईजीएल) से राख मंगवा कर इन गड्ढों को भरवा दिया है. उनके मुताबिक कुछ समय बाद इसके ऊपर मिट्टी का भरान करवाकर इसे समतल करवा दिया जाएगा.

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