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मॉनसून आते ही जंगलों में बढ़ा शिकारियों का खतरा, वन विभाग ने शुरू की मॉनसून कॉम्बिंग

तराई पूर्वी वन प्रभाग के सब-डिवीजन खटीमा की किलपुरा-सुरई और खटीमा वन रेंज में मॉनसून आते ही शिकारियों का खतरा लगातार बना हुआ है. जिसके चलते वन विभाग ने मानसून कॉम्बिंग शुरू कर दी है.

शिकारियों की गतिविधियों पर वन विभाग की नजर.

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Published : Jul 12, 2019, 5:44 PM IST

उधम सिंह नगर: जिले में बरसात का मौसम शुरू होते ही जंगलों में शिकारियों की सक्रियता बढ़ जाती है. जिसे देखते हुए नेपाल सीमा से सटे जंगलों में जानवरों को बचाने के लिए वन विभाग ने मॉनसून कॉम्बिंग शुरू की है. वन विभाग की तरफ से तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी में होने वाली गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

तराई पूर्वी वन प्रभाग के सब-डिवीजन खटीमा की किलपुरा-सुरई और खटीमा वन रेंज की सीमाएं एक तरफ नेपाल तक फैली हैं, तो दूसरी तरफ यूपी से भी लगी हुई हैं. इस वन क्षेत्र में काफी संख्या में जंगली जानवर मौजूद हैं. जिसके चलते शिकारियों का खतरा लगातार बना रहता है.

शिकारियों की गतिविधियों पर वन विभाग की नजर.

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बरसात का सीजन शुरू होते ही यूपी और नेपाल क्षेत्रों से सटे जंगलो में शिकारियों का खतरा बढ़ जाता है. जिसको लेकर वन विभाग ने मानसून कांबिंग शुरू कर दी है.

खटीमा वन प्रभाग के एसडीओ बाबूलाल का कहना है कि मानसून के सीजन में जंगलों के निचले हिस्सों में पानी काफी भर जाता है, जिस कारण जानवर ऊंचे स्थानों पर इकट्ठा होने लगते हैं. एक जगह अधिक जानवरों की मौजूदगी में शिकारियों को शिकार करने में काफी आसानी होती है. जिसके चलते मानसून सीजन में शिकारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है. शिकारियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार मानसून कांबिंग की जा रही है.

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