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नशेड़ियों का अड्डा बना दीनदयाल उपाध्याय पार्क, परिसर में लगा गंदगी का अंबार

उधम सिंह नगर में वैसे तो कई पार्क हैं और पार्कों के लिए सरकार से अच्छा बजट पास किया जाता है. बावजूद इसके पार्कों की हालात देखकर आप सोचने पर विवश हो सकते हैं. क्षेत्र में तरह-तरह के बढ़ते नशे को लेकर नशेड़ियों ने नगर में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क को भी नशे का अड्डा बना रखा है.

दीनदयाल उपाध्याय पार्क

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Published : Aug 23, 2019, 10:18 AM IST

काशीपुरःउधम सिंह नगर जनपद के तहसील बाजपुर में बीजेपी के आदर्श पंडित दीनदयाल पार्क के हालात बद से बदतर होती जा रही है. जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. पार्क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. राज्य और केंद्र में बीजेपी की सरकार होने के बाबजूद इस पार्क की हालत बहुत खराब है. ऐसे में ये पार्क अब नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है.

गंदगी से पटा दीनदयाल उपाध्याय पार्क.

जनपद उधम सिंह नगर में वैसे तो कई पार्क हैं और पार्कों के लिए सरकार से अच्छा बजट पास किया जाता है. बावजूद इसके पार्कों की हालात देखकर आप सोचने पर विवश हो सकते हैं. क्षेत्र में तरह-तरह के बढ़ते नशे को लेकर नशेड़ियों ने नगर में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क को भी नशे का अड्डा बना रखा है. स्थानीय नगर पंचायत द्वारा सालों से पार्क की सफाई नहीं की गई और न ही कोई देखरेख हो रही है.

आपको बता दें कि नगर के रामपुर मोड़ स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क का 25 दिसम्वर 2010 को नगर पंचायत अध्यक्ष रूपवती के कार्यकाल में संसदीय सचिव व क्षेत्रीय विधायक अरविंद पांडेय ने लोकर्पण किया था. नगर में एक ही पार्क होने के कारण सुबह शाम बुजुर्ग लोग इस पार्क में घूमने के लिए आते थे और व्यायाम भी करते थे, लेकिन नगर पंचायत के सफाई कर्मियों द्वारा समय-समय पर पार्क की सफाई नहीं की गई पाई जिसकी वजह से आज गंदगी से पटा हुआ है .

पार्क में लोगों का आवागमन न होने से नशेड़ियों ने पार्क को अपना अड्डा बना लिया है और कुछ लोगों ने मवेशियों का तवेला बना रखा है. पार्क में जानवर बांध रहे हैं. बाजपुर में वर्षों से पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर हैं.

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इस पार्क का निर्माण 1997 में सूबे के मौजूदा शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय जोकि उस वक्त नगर पालिका अध्यक्ष थे, के कार्यकाल में हुआ था. यह पार्क लगभग 4 लाख की लागत से तैयार हुआ था लेकिन आज भी पार्क अधूरा है. इस पार्क को एक कूड़ेदान में तब्दील कर दिया है. इसी पार्क के लिए वर्ष 2018 में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने 2 लाख 50 हजार रुपये की निधि मंजूर की थी लेकिन फिर भी इसकी हालत जस की तस बनी रही. आलम ये है कि इस पार्क में अब इंसान नहीं बल्कि जानवर घूमते हैं.

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