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खटीमा: सरकारी राशन की हो रही कालाबाजारी और प्रशासन दे रहा कार्रवाई का आश्वासन

कोरोना संक्रमण के चलते देश भर में चल रहे लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड सरकार ने राज्य की जनता को तीन महीने का राशन सरकारी सस्ता गल्ला की दुकानों के माध्यम से विरतण करने की घोषणा कर चुकी है.

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राशन की कालाबाजारी

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Published : Apr 4, 2020, 3:54 PM IST

Updated : Apr 4, 2020, 9:03 PM IST

खटीमा:कोरोना वायरस के कारण पूरे देशभर को लॉकडाउन किया गया है. इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने आमजनता को तीन महीने के लिए राशन सरकारी राशन की दुकानों से राशन बांटा जा रहा है. लेकिन खटीमा में सरकारी राशन दुकान संचालक तय मानक से कम राशन बांट रहे हैं. लोगों का आरोप है कि सब कुछ जानने के बाद भी स्थानीय पूर्ति विभाग और तहसील प्रशासन मामले में मूक दर्शक बना हुआ है.

सरकारी राशन की हो रही कालाबाजारी.

कोरोना संक्रमण के चलते देश भर में चल रहे लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड सरकार ने राज्य की जनता को तीन महीने का राशन सरकारी सस्ता गल्ला की दुकानों के माध्यम से विरतण करने की घोषणा की है. खटीमा के नॉगवा ठग्गू में लोगों ने सरकारी राशन दुकान स्वामी चंद्र कुमार पर एपीएल कार्ड धारकों को साढ़े सात किलो गेहूं, चावल देने के तय मानक को छोड़ मात्र पांच किलो राशन देने का आरोप लगाया है.

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खटीमा के राजीव नगर इलाके का सरकारी राशन वितरक विनीत कुमार भी खाद्य सुरक्षा के राशन कार्डों में पांच की जगह मात्र तीन किलो का राशन का गरीबों को विरतण कर रहा है. वहीं प्रशासन को मीडिया द्वारा राशन की दुकानों के इस गौरखधंधे की जानकारी दिए जाने के बावजूद भी प्रशासन फिलहाल इस आपदा काल में भी मौन है. एसडीएम खटीमा इस तरह के मामले में कार्रवाई का सिर्फ आश्वासन देती नजर आ रही हैं.

Last Updated : Apr 4, 2020, 9:03 PM IST

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