टिहरी:बांध से प्रभावित भल्डगांव के लोगों ने पुनर्वास की एक सूत्री मांग को लेकर टिहरी झील के किनारे अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग पर भल्डगांव का उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि झील का जलस्तर बढ़ने से गांव में लगातार भूस्खलन का खतरा बढ़ता जा रहा है. लेकिन टिहरी बांध प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए शासन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. इससे भल्डगांव के 40 परिवार के मकानों और जमीनों पर दरार आ चुकी है.
पुनर्वास की मांग को लेकर टिहरी झील के किनारे धरने पर बैठे ग्रामीण, प्रशासन को दी ये चेतावनी
पुनर्वास की मांग को लेकर भल्डगांव के ग्रामीण टिहरी झील किनारे धरने पर बैठ चुके हैं. ग्रामीणों का कहना है कि झील के कारण उनके गांव में भूस्खलन की खतरा बढ़ गया है. गांव के 40 परिवारों पर जान जाने का खतरा मंडरा रहा है.
पुनर्वास की मांग को लेकर भल्डगांव के ग्रामीण झील के किनारे खड़ी पहाड़ी पर जान जोखिम में डालकर धरने पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों ने अल्टीमेटम जारी करते हुए कहा कि जब तक ग्रामीणों का विस्थापन नहीं किया जाता, तब तक धरने पर बैठे रहेंगे. ग्रामीणों ने कहा कि पुनर्वास को लेकर टिहरी बांध परियोजना के अधिकारी और पुनर्वास विभाग के अधिकारी ग्रामीणों को गुमराह कर रहे हैं. पुनर्वास न होने पर उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
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बता दें कि टिहरी बांध की झील के कारण भल्डगांव और बधानगांव की जमीनों में लगातार भूस्खलन और मकानों में दरार पड़ रही है. इससे ग्रामीण डरे और सहमे हुए हैं. ग्रामीणों द्वारा लगातार टिहरी बांध परियोजना और पुनर्वास विभाग से विस्थापन की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन 20 सालों से ग्रामीणों का विस्थापन नहीं हो पाया है. ग्रामीणों का कहना है जब तक गांव का विस्थापन नहीं होता है, तब तक धरना जारी रहेगा, क्योंकि टिहरी बांध की झील में ग्रामीणों की जमीनें डूब गई हैं. इसके बदले टीएचडीसी के द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया और ना ही विस्थापन की कोई कार्रवाई की गई. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक ग्रामीणों का पुनर्वास नहीं हो जाता है, तब तक धरना जारी रहेगा.
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