टिहरी: उत्तराखंड सरकार लगातार पलायन रोकने की बात तो कर रही है, लेकिन हकीकत ही कुछ और बयां कर रहे हैं. आज भी कई गांव में मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. इसकी बानगी चंबा ब्लॉक में देखने को मिल रहा है. जहां ग्राम पंचायत कुल्पी के अखोड़ी सेरा नामे तोक में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है. जिससे ग्रामीणों को कई मील दूर से पानी ढोकर काम चलाना पड़ रहा है. ऐसे में ग्रामीणों का शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है.
बता दें कि ग्राम पंचायत कुल्पी में डेढ़ सौ परिवार निवास करते हैं. जहां पर एकमात्र पानी का साधन हैंडपंप है. जो काफी समय से खराब पड़ा हुआ है. वहीं, कई सालों से घंटाकर्ण पेयजल योजना भी अधर में लटकी हुई है. विभाग ने गांव में स्टंट पोल लगाकर अपनी इतिश्री कर दी है, लेकिन ग्रामीणों के लिए पेयजल आपूर्ति अभी तक नहीं करा पाया है. ग्रामीण गांव से दो किलोमीटर दूर पैदल चलकर पेयजल स्रोत से पानी लाने को मजबूर हैं. वहीं, ये स्रोत भी अब सूखने की कगार पर आ गया है .
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ग्रामीणों का साफ कहना है कि अब उनका सब्र का बांध टूट चुका है. शीघ्र ही उनकी पानी की समस्या का निस्तारण नहीं किया जाता है तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. ग्रामीणों ने कहा कि 18 जनवरी को हमने टिहरी जिला अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा दिया था कि हमारे गांव में जल्दी से जल्दी पानी की व्यवस्था की जाए. अभी तक कोई समाधान नहीं निकला. अब अगर जल्दी ही पानी की व्यवस्था नहीं की गई तो आने वाले 18 मार्च से गजा तहसील में गांव के लोग धरने पर बैठ जाएंगे. जिसकी जिम्मेदारी जिलाधिकारी की होगी.
टिहरी जिलाधिकारी ने बताया कि जल संस्थान के अधिकारियों से बात की गई है. जल संस्थान के अधिकारी चरणबद्ध तरीके से गांव में पानी पहुंचाने के काम में लगे हैं. गांव में पानी की सुविधा देने के लिए जल संस्थान को निर्देश दे दिए हैं. बहरहाल, देखने वाली बात होगी कि ग्रामीणों को कब तक पेयजल नसीब हो पाता है.