धनौल्टी: टिहरी बांध की झील के बढ़ते जलस्तर से झील से सटे गांवों के लोगों में दहशत है. इनमें से सरोट गांव एक है. यहां की रहने वाली भूमिहीन तारा देवी लंबे समय से विस्थापन और पुनर्वास की मांग को लेकर अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं. मगर अधिकारियों ने तारा देवी को नीतियों के फेर में ऐसा फेरा लगवाया कि आज तक तारा देवी बस विस्थापन और पुनर्वास की आस ही लगाये बैठी हैं.
केंद्र सरकार ने टीएचडीसी को टिहरी झील को 830 आरएल मीटर तक भरने की अनुमति दे दी है. जिसके बाद अभी तक टिहरी बांध का जलस्तर 828.60 आरएल मीटर के पार पहुंच गया है. इससे पूर्व वर्ष 2013 में अत्यधिक बारिश से के चलते टिहरी झील का जलस्तर 828 मीटर के पार पहुंच गया था, जबकि बांध से 448 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है. अब टिहरी झील के आसपास दर्जनों गांव के ग्रामीणों को डर सताने लगा है.
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कनिष्ठ प्रमुख थौलधार ज्ञान सिंह ने बताया कि झील से सटे सरोट व उप्पू गांव के दो दर्जन परिवारों के घरों के नीचे झील का जलस्तर काफी करीब पहुंच गया है. अभी तक किसी ने भी इन परिवारों की सुध नहीं ली है. सरोट गांव की अनुसूचित जाति की भूमिहीन तारा देवी भी इन्हीं में से एक हैं, जो सालों से विस्थापन और पुनर्वास की मांग कर रही हैं. मगर आजतक उनका विस्थापन नहीं हो पाया है.