धनौल्टी: जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को हुए करीब 6 महीने से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन टिहरी के जौनपुर विकासखण्ड की ग्राम पंचायत काण्डाजाख गांव में अभी तक ग्राम प्रधान का चुनाव नहीं हो पाया है, जिससे ग्राम पंचायत भी संगठित नहीं हो पाई है. इसका सीधा असर विकास कार्यों पर पड़ रहा है.
दरअसल, जौनपुर विकासखण्ड की ग्राम पंचायत काण्डाजाख में ग्राम प्रधान पद की सीट एसटी महिला के लिए आरक्षित थी. लेकिन यहां पर एक भी एसटी परिवार नहीं हैं. ऐसे में प्रधान पद के लिए एक भी नामंकन नही हो पाया था, जिसके कारण ग्राम पंचायत के प्रधान पद की सीट रिक्त रह गई. यही स्थिति उप चुनाव में भी देखने को मिली. वहीं, 6 महीने से अधिक का समय बीतने के बाद भी ग्राम पंचायत का गठन न होने से गांव के विकास कार्यो पर ब्रेक लग गया है.
धनोल्टी में नहीं हुए ग्राम प्रधान के चुनाव ये भी पढ़ें: लव और मर्डर के चक्कर में फंस गए बाहुबली बाप-बेटे, जानिए क्या है अमनमणि की 'अमर' कहानी
ग्रामीणों का कहना है, कि लोगों ने मामले को कई बार विकासखण्ड से लेकर पंचायत राज निदेशालय ननूरखेड़ा देहरादून तक उठाया. लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिसके कारण ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है.
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इस संबंध में खण्डविकास अधिकारी पुष्कर सिंह बिष्ट का कहना है, कि ग्राम प्रधान का चुनाव न होने से मनरेगा जैसे कार्यों पर भी इसका सीधा असर पड़ा है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा ग्राम पंचायत में प्रशाशक की नियुक्ति की गई थी. लेकिन उनके भी सेवानिवृत्त होने के बाद अब प्रशासक का पद भी रिक्त हो गया है. ऐसे में ग्रामीणों को एक समिति के गठन का सुझाव दिया गया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से चुनाव में थोड़ा विलंब हो रहा है. लेकिन समस्या के समाधान के लिए उच्चधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है.