रुद्रप्रयाग:जनपद में भारी बारिश के कारण सिरोहबगड़ हाईवे करीब 36 घंटे से बाधित था, जिसे अब सुचारू कर दिया गया है. इस संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र में एनएच के कर्मतारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग पर आये मलबा और बोल्डर को सड़क से हटाया. जिसके बाद यहां एक बार फिर से यातायात शुरू हो गया है. जिसके बाद मार्ग पर फंसे सैकड़ों यात्रियों ने राहत की सांस ली है.
बता दें कि सिरोहबगड़ पर राजमार्ग बंद होने के कारण रूट को खांकरा-छातीखाल और खांकरा-खेड़ाखाल को वैकल्पिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा था. इससे यात्रियों को कुछ किलोमीटर अतिरिक्त दौड़ लगानी पड़ रही थी, जबकि छोटे वाहनों को चमधार से डायर्वट कर यातायात की व्यवस्था की जा रही थी.
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बता दें पिछले एक दशक से सिरोबगड़ डेंजर जोन का स्थाई ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है. इसके ठीक सामने ऑल वेदर परियोजना के तहत पपड़ासू बाईपास का निर्माण कार्य चल रहा है, जो तीन साल से जारी है. बाईपास निर्माण में तीन पुलों का भी निर्माण होना है, जिनमें एक पुल का आधा काम हुआ है, जबकि दो पुलों की सिर्फ नींव ही रखी गई है. बाईपास का निर्माण धीमी गति से चल रहा है, अगर यह कार्य जल्द पूरा किया जाए तो सिरोबगड़ का स्थायी समाधान हो जायेगा.
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रुद्रप्रयाग जनपद के छः लिंक मार्ग बंद:लगातार हो रही बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले लिंक मार्ग भी जगह-जगह बंद हो गये हैं. जिले के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग एवं प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत निर्मित मोटरमार्ग बंद पड़े हैं. इनमें खिर्सू-खेड़ाखाल-काण्डई-खांकरा, मयाली-गुप्तकाशी, छेनागाढ़-बक्सीर, गुप्तकाशी-कालीमठ-कोटमा-जाल-चैमासी, अन्दरगढ़ी-धरतोलियों के अलावा जवाड़ी-घंघड़खाल मोटरमार्ग बंद पड़े हैं. इन लिंक मार्गो पर जगह-जगह मलबा आया हुआ है, जबकि कई स्थानों पर पुश्ते भी ध्वस्त हो गये हैं.