रुद्रप्रयाग: जल संरक्षण की दिशा में रुद्रप्रयाग वन प्रभाग की पहल कामयाब होती नजर आ रही है. प्रभाग की ओर से उन जल स्त्रोतों का ट्रीटमेंट किया जा रहा है. प्राकृतिक स्त्रोतों का पहाड़ी शैली में निर्माण किया जा रहा है और इनकी खूबसूरती को देखकर हर कोई ओर खिंचा चला जा रहा है. प्रभाग की ओर से 30 जल स्त्रोतों के संरक्षण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें अधिकतर पर कार्य भी हो चुका है.
जिले में ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग एवं लिंक मार्गों पर ऐसे जल स्त्रोत हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है. ऐसे में वन प्रभाग रुद्रप्रयाग ने इन जल स्त्रोतों को पौराणिक कला के तहत बनाने का कार्य किया. वन प्रभाग के डिवीजनों में यह कार्य चल रहा है और अभी तक कई जगहों पर इन जल स्त्रोतों पर कार्य भी हो चुका है, जिससे पानी का अच्छे तरीके से सदुपयोग होने लगा है और लोग इन स्त्रोतों की खूबसूरती की ओर खिंचे चले जा रहे हैं और पीने के पानी के रूप में प्रयोग कर रहे हैं. बता दें कि वन प्रभाग की ओर से प्राकृतिक जलस्रोतों के संरक्षण के साथ उन्हें नया रूप दिया जा रहा है. रुद्रप्रयाग वन प्रभाग ने कैंपा योजना में इस वर्ष 30 प्राकृतिक स्रोतों को चिन्हित कर उन्हें संरक्षित किया जा रहा है.