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Published : Mar 26, 2022, 4:48 PM IST

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रुद्रप्रयाग: पुनाड़ गदेरे में डाला जा रहा सड़क कटिंग का मलबा, मच सकती है भारी तबाही

रुद्रप्रयाग जनपद में एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर रुद्रप्रयाग-चिनग्वाड़ मोटरमार्ग की कटिंग का काम किया जा रहा है. कटिंग का मलबा सीधे पुनाड़ गदेरे में डाला जा रहा है, जिससे बारिश के सीजन में स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

Rudraprayag
रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयाग:जनपद में पेयजल आपूर्ति कराने वाले पुनाड़ गदेरे में भयावह तबाही मचने के आसार नजर आ रहे हैं. पुनाड़ गदेरे के ठीक ऊपर से किये जा रहे रुद्रप्रयाग-चिनग्वाड़ मोटरमार्ग का मलबा डंपिंग जोन में डालने की बजाय सीधे गदेरे में फेंका जा रहा है. गदेरे में फेंके मलबे का असर जून-जुलाई के बरसाती सीजन में देखने को मिलेगा, जब पुनाड़ गदेरा उफान पर रहता है और लोगों को अपने घरों को खाली कर भागना पड़ता है. वहीं, मलबा गदेरे में डाले जाने से हर दिन पेयजल योजना भी क्षतिग्रस्त हो रही है, जिससे नगर क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति कराना जल संस्थान विभाग को मुश्किल हो रहा है.

बता दें, पीएमजीएसवाई के तहत रुद्रप्रयाग-चिनग्वाड़ 9 किमी. मोटरमार्ग पर एक साल से कटिंग का कार्य किया जा रहा है. सड़क कटिंग का मलबा अभी तक सीधे पुनाड़ गदेरे में डाला जा रहा है. कटिंग में सैकड़ों पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया गया है, जिन्हें भी गदेरे में फेंका गया है. मामले में वन विभाग भी सिर्फ चालान काटने तक सीमित रह गया है. इसके अलावा कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार के हौंसले बुलंद हैं.

पुनाड गदेरे में डाला जा रहा सड़क कटिंग का मलबा.

ठेकेदार अपनी मनमर्जी से कटिंग करने में लगा है. स्थानीय जनता बार-बार मलबे को डंपिंग जोन में फेंकने की मांग कर रही है, मगर ठेकेदार है कि सुनने को तैयार नहीं है, जबकि पीएमजीएसवाई के अभियंता भी जनता के प्रति उदासीन रवैया बनाए हुए हैं. मलबा गदेरे में जगह-जगह फेंके जाने से एक ओर जहां नगर क्षेत्र की पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो रही है, वहीं गदेरे का नामोनिशान ही मिट गया है.

बरसाती सीजन में उफान पर रहता है पुनाड़ गदेरा: बरसाती दिनों में पुनाड़ गदेरा अपने उफान पर रहता है और स्थिति यहां तक आती है कि पुनाड़ गदेरे से सटे लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ता है. ऐसे में यह गदेरा एक बार फिर भारी तबाही मचा सकता है, जिससे औण, डांगसेरा, काला पहाड़, हितडांग, बस अड्डा के साथ ही मेन मार्केट को नुकसान पहुंचेगा.

स्थानीय निवासी अरुण कप्रवाण, भगत सिंह बिष्ट, गजेन्द्र सिंह कप्रवाण ने कहा कि मोटरमार्ग कटिंग की शुरूआत से ही ठेकेदार और विभाग से कहा गया था कि कटिंग का मलबा डंपिंग जोन में डाला जाए, मगर ठेकेदार, विभागीय अभियंता के साथ ही वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से मलबे को पुनाड़ गदेरे में फेंका जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि एनजीटी के मानकों को दरकिनार करते हुए ठेकेदार कार्य करने में लगा है. पुनाड़ गदेरा बरसाती सीजन में विकराल रूप धारण कर देता है. अभी गदेरे में पानी कम है, मगर बरसात के दिनों में पानी बढ़ जाता है और लोगों को अपने आशियानों को छोड़ना पड़ता है. मोटरमार्ग कटिंग से सैकड़ों पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया गया है. यह पेड़ भी गदेरे में फेंके जा रहे हैं, जो बरसाती दिनों में तबाही का कारण बन सकते हैं.
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वहीं, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय सिंह ने कहा कि पुनाड़ गदेरे के ऊपर रुद्रप्रयाग-चिनग्वाड़ मोटरमार्ग कटिंग का कार्य चल रहा है. यहां कार्य कर रहा ठेकेदार कटिंग का मलबा सीधे पुनाड़ गदेरे में फेंक रहा है, जिस कारण पेयजल लाइन भी बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है. पीएमजीएसवाई को पत्र भेजकर लाइन दुरूस्त करने को कहा गया लेकिन विभाग की ओर से हर बार टालमटोल किया गया है. जिस कारण नगर की जनता को परेशान होना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बरसाती सीजन में पुनाड़ गदेरा उफान पर रहता है. कटिंग का मलबा गदेरे में फेंके जाने से पेजयल लाइन को नुकसान पहुंचने के साथ ही नगर क्षेत्र को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है.

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