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रेल टनल निर्माण से तीन घरों में पड़ी दरारें, अधिकारियों ने दिलाया ये भरोसा - ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट के टनल निर्माण के चलते नरकोटा गांव के तीन घरों में दरारें पड़ चुकी हैं. मामले को लेकर उप जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और सुरक्षा का भरोसा दिलाया.

rishikesh karnprayag railway project
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट

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Published : Jun 24, 2021, 6:35 PM IST

रुद्रप्रयागःमहत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट का काम तेजी से जारी है. लेकिन रेल परियोजना टनल निर्माण से नरकोटा गांव समेत अन्य तोकों पर खतरा मंडरा रहा है. इतना ही नहीं तीन आवासीय भवनों में दरारें भी पड़ चुकी हैं. जिसे लेकर ग्रामीण खौफजदा हैं. वहीं, रेल परियोजना प्रभावित नरकोटा में उप जिलाधिकारी सदर बृजेश तिवारी की अध्यक्षता में जन सुनवाई हुई. जिसमें उप जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया कि प्रभावित परिवारों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

ग्राम प्रधान चंद्रमोहन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रभावित ग्रामीणों ने अपनी-अपनी समस्याएं उप जिलाधिकारी के सामने रखी. ग्रामीण कमल किशोर जोशी ने कहा कि उनके मकान के ठीक नीचे टनल निर्माण शुरू हो चुका है, जिसमें दिन-रात किसी भी समय भारी विस्फोट किए जा रहे हैं, जिससे उनके मकान में दरारें पड़ गई हैं. इस संबंध में आरबीएनएल अधिकारियों को लिखित रूप से बताया गया, लेकिन कोई भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई. साथ ही कहा कि किसी भी दिन उनका परिवार हादसे का शिकार हो सकता है.

टनल से घरों में पड़ी दरारें

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वहीं, मामले पर उप जिलाधिकारी बृजेश तिवारी ने कहा कि तत्काल संबंधित निर्माण एजेंसियों को नोटिस भेजा जाएगा. बैठक में पूर्व प्रधान सत्य प्रसाद भट्टकोटी, प्रकाश चंद्र सिलोडी, मदन मोहन सिलोडी समेत अन्य ग्रामीणों ने लंबित मुआवजा प्रकरण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वो सभी दस्तावेज जमा कर चुके हैं, लेकिन अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. जिस पर उप जिलाधिकारी ने बताया कि प्रक्रिया जारी है और जल्द मुआवजा आवंटित कर दिया जाएगा.

ग्राम प्रधान चंद्रमोहन ने गांव को एक संपर्क मार्ग से जोड़ने, जिसमें हल्के वाहन की आवाजाही हो सके. नरकोटा बाजार के पुनर्स्थापित करने, टनल निर्माण के खतरे में आने वाले सभी परिवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरबीएनएल से लिखित तय कराने या फिर विस्थापन के साथ एक बहुउद्देशीय भवन के निर्माण की मांग प्रमुखता से रखी.

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेलवे और ऑलवेदर के मलबे से पौराणिक नर्वदेश्वर मंदिर के आंगन में मलबा और पत्थर जमा हो चुके हैं. यह शिवालय गांव की अटूट आस्था का प्रतीक है. यदि जल्द इसमें कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीणों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पडे़गा.

उप जिलाधिकारी ने सभी प्रकरणों पर जल्द से जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि प्रभावित गांव और ग्रामीणों के हितों और सुरक्षा का प्राथमिकता से ध्यान रखा जा रहा है. यदि कोई भी लापरवाही निर्माण एजेंसी करती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस मौके पर प्रभावित ग्रामीण और विभागीय अधिकारी मौजूद रहे.

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