रुद्रप्रयाग: विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी की हार का सबसे बड़ा कारण पार्टी नेताओं के विद्रोह व भीतरघात रहा है. हालांकि बड़े नेताओं के विद्रोह व भीतरघात के बावजूद भी कांग्रेस प्रत्याशी ने अपनी व्यक्तिगत छवि के कारण कांग्रेस के वोट प्रतिशत में बढ़ोत्तरी की, मगर उस बढ़ोत्तरी को जीत में तब्दील नहीं कर पाये. जिससे भाजपा प्रत्याशी का जीत का सफर आसान हो गया.
उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद हुए चुनावों में 2002 में गजेन्द्र पंवार को 9275 मत व वोट प्रतिशत 23.22 रहा, जबकि 2007 में बीरेन्द्र बुटोला को 9374 मत व वोट प्रतिशत 19.40 रहा. 2012 में डाॅ. हरक सिंह रावत को 15,469 मत व वोट प्रतिशत 29.64 रहा. 2017 में लक्ष्मी राणा को 14,701 मत व वोट प्रतिशत 25.26 रहा, जबकि 2022 में प्रदीप थपलियाल ने 19,858 मत हासिल कर वोट प्रतिशत में 31.34 की बढ़ोत्तरी की है, मगर उस वोट प्रतिशत को कामयाबी में तब्दील नहीं कर पाये. कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप थपलियाल ने कहा कि जनता द्वारा मिले जनादेश का स्वागत करते हैं. पार्टी नेताओं के विद्रोह व भीतरघात पर उन्होंने कहा कि मुझे जनता का तो भरपूर सहयोग व स्नेह मिला, लेकिन पार्टी नेताओं के विद्रोह एवं भीतरघात के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा.