रुद्रप्रयाग: मानसून के दस्तक देने से पहले ही केदारघाटी की जनता के सामने मुसीबतें शुरू हो गई हैं. आपदा पीड़ित केदारघाटी के कई गांवों के लोग जान जोखिम में डालकर तेज बहाव में बह रही मंदाकिनी नदी को पार कर रहे हैं. यहां हालात ऐसे हैं कि नदी को पार करते समय यदि थोड़ा भी संतुलन गड़बड़ाया तो जान जाना तय है. अभी पहाड़ों में मानसून ने दस्तक भी नहीं दी है, लेकिन फिर भी हालात इतने बुरे हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि आने वाले समय में क्या स्थिति होने वाली है.
आपदा पीड़ित केदारघाटी के हाट गांव के स्कूली बच्चे और ग्रामीण उफान पर आई मंदाकिनी नदी को जान जोखिम में डालकर पैदल ही पार कर रहे हैं. यहां पर आवाजाही के लिये लोक निर्माण विभाग ने अस्थाई पैदल पुल बनाया था जो कि मंदाकिनी नदी के तेज बहाव में कभी भी डूब जाता है. इसके अलावा नदी पार करने के लिए लगाई गई ट्रॉली के तार भी खराब हो गये हैं. जिसके कारण ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर नदी को पार करना पड़ रहा है.
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बता दें कि इन दिनों मंदाकिनी नदी उफान पर है. ऐसे में नदी पार करते समय ग्रामीणों और स्कूली छात्रों के साथ कभी भी कोई घटना घट सकती है. गांव के लिये पहले से ही पैदल झूला पुल स्वीकृत है, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. जिसका खामियाजा भोली-भाली जनता को भुगतना पड़ रहा है.