रुद्रप्रयाग: देवभूमि उत्तराखंड में आज भी देव शक्ति के अलौकिक दर्शन होते हैं. इसका जीता जागता प्रमाण है केदारघाटी का जाख मेला. जहां नर रूप में जाखराजा लगभग आधे घंटे तक दहकते लाल अंगारों पर नृत्य कर भक्तों को अपना आशीर्वाद देते हैं. यह मेला सांस्कृतिक परम्पराओं एवं धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है. जिसके कारण हजारों की संख्या में भक्त यहां जाखराजा के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. जाखराजा मेले की ये परम्परा यहां सदियों से चली आ रही है.
हर साल बैशाखी के दूसरे दिन यानी 15 अप्रैल के दिन केदारघाटी के गुप्तकाशी के जाखधार में जाख मेले का आयोजन किया जाता है. आस्थावान लोगों के लिए यह मेला काफी महत्वपूर्ण होता है. मेले में कोठेड़ा, नारायकोटी व देवशाल के ग्रामीणों की महत्वपूर्ण भागीदारी होती है. इसके अलावा बणसू, सांकरी, देवर, ह्यूण, नाला, रुद्रपुर, गुप्तकाशी, गडतरा, सेमी-भैंसारी समेत कई गांवों के ग्रामीण मेले को सफल बनाने के लिए अपना योगदान देते हैं. इस मेले से केदारघाटी के साथ ही अन्य हजारों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.