रुद्रप्रयाग: अलकनंदा और मंदाकिनी के संगम स्थल पर दो लोगों के बह जाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है. अब संगम में सुरक्षा के इंतजाम किये जा रहे हैं. अगर यही इंतजाम पहले किये जाते तो दो लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती.
बता दें कि अलकनंदा व मंदाकिनी संगम स्थल पर वर्ष 2013 की आपदा के बाद सिर्फ घाट का निर्माण कार्य किया गया है. इसके अलावा यहां पर सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं किये गये. चारधाम यात्रा के दौरान देश विदेश से तीर्थयात्री संगम स्थल पर स्नान कर आगे की यात्रा करते हैं. इस स्थान पर नारदशिला भी है, जहां पर नारदजी ने भगवान शिव की तपस्या की थी.
आपदा के 6 सालों के बाद भी संगम स्थल पर सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये. यहां पर कई घटनाएं घट चुकी हैं, मगर नगर पालिका और जिला प्रशासन सोया ही रहा. बीते 15 फरवरी को गहड़खाल निवासी एक महिला के डूबने और इस घटना के एक सप्ताह बाद राजस्थान के एक युवक बहने के बाद जिला प्रशासन अब हरकत में आया है.