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रुद्रप्रयाग: सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा के बाद दो धड़ों में बंटे व्यापारी - Businessmen divided into two factions after announcing complete lock down in rudraprayag

जनपद में कोरोना के 3 पॉजिटिव केस मिलने के बाद अगस्त्यमुनि में कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए व्यापार संघ के 31 मई तक सम्पूर्ण लॉकडाउन के निर्णय पर व्यापारी दो धड़ों में बंट गए हैं. व्यापार संघ के पदाधिकारियों द्वारा अचानक से सम्पूर्ण लॉकडाउन करने के विरोध में सोमवार को कई व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खुले रखे.

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Published : May 25, 2020, 6:10 PM IST

रुद्रप्रयाग: जनपद में कोरोना के 3 पॉजिटिव केस मिलने के बाद अगस्त्यमुनि में कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए व्यापार संघ के 31 मई तक सम्पूर्ण लॉकडाउन के निर्णय पर व्यापारी दो धड़ों में बंट गए हैं.

व्यापार संघ के पदाधिकारियों द्वारा अचानक से सम्पूर्ण लॉकडाउन करने के विरोध में सोमवार को कई व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खुले रखे, जिसमें आवश्यक वस्तुओं के साथ कपड़े, बुक सेलर, इलेक्ट्रॉनिक और बिजली के सामानों की दुकानें भी थीं. वहीं, कुछ ऐसे व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें खोली थी, जो कल हुई बैठक में दुकानों को बंद करने का समर्थन दे रहे थे.

दरअसल, शनिवार को जनपद में 3 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद से अगस्त्यमुनि बाजार में अफवाहों का दौर चल पड़ा कि नजदीकी गांव वाला कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति बाजार में घूमता दिखा, इसके बाद से बाजार में हड़कम्प मचा गया. कोरोना संक्रमण के फैलने की आशंका के चलते व्यापार संघ ने आनन फानन में व्यापारियों की आपात बैठक बुलाई, जिसमें 31 मई तक सम्पूर्ण लॉकडाउन का निर्णय लिया गया. बैठक में नाम मात्र के ही व्यापारी सम्मिलित हुए थे.

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वहीं, इस निर्णय के बाद कई व्यापारियों ने इसका विरोध करते हुए इसे तानाशाही भी कहा, क्योंकि बैठक में दूध और सब्जी के व्यापारियों के साथ ही आम आदमी को इससे होने वाली दिक्कतों पर चर्चा ही नहीं हुई.

दूध व्यापारी दूध का आर्डर दे चुके थे, जबकि सब्जी वाले दो दिन मंडी बंद होने की वजह से 3 दिनों के लिए सब्जी की खरीद कर चुके थे, ऐसे में बिना पूर्व सूचना के दुकान बंद करने के निर्णय से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, इसलिए व्यापार संघ के तानाशाही रवैये के विरोध में आज कई व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खुले रखे, ऐसे व्यापारियों का कहना था कि व्यापार संघ को दुकानों के खुलने का समय कम करना चाहिए था न की सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाना चाहिए था.

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