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Published : Jun 17, 2021, 10:46 AM IST

Updated : Jun 17, 2021, 11:59 AM IST

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प्रकृति की 'गोद' में आज भी मौजूद है भगवान कार्तिक का भंडार, इस वजह से दर्शन दुर्लभ

क्रौंच पर्वत तीर्थ से लगभग 3 किमी दूर प्रकृति की सुन्दर छांव में बसा उसनतोली बुग्याल के निकट चट्टान के मध्य भगवान कार्तिक स्वामी के भंडार की अपनी विशिष्ट पहचान है. मान्यता के अनुसार इस भंडार में भगवान कार्तिक स्वामी का अमूल्य भंडार है.

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रुद्रप्रयाग:कहते हैं देवभूमि अपनी गोद में कई राज समेटे है. ऐसा ही एक रहस्य मौजूद है भगवान कार्तिक की तपस्थली क्रौंच पर्वत के आंचल में. यहां प्रकृति की सुरम्य वादियों में बसे उसनतोली बुग्याल के निकट चट्टान पर एक गुफा में भगवान कार्तिक स्वामी का भंडार (बर्तन) मौजूद हैं. उसनतोली-गणेशनगर पैदल मार्ग के ऊपरी हिस्से के चट्टान पर गुफा के स्थित होने से दर्शन करना दुर्लभ है.

लोक मान्यताओं के अनुसार इस भंडार से एक मार्ग कुबेर पर्वत को जाता है. युगों से इस भंडार के दर्शन भगवान कार्तिक स्वामी के दो परम उपासक ही कर पाये थे. ऐसी मान्यता है कि बीहड़ चट्टानों के मध्य इस भंडार में भगवान कार्तिक स्वामी के अनमोल बर्तन रखे हुए हैं.

यहां आज भी मौजूद है भगवान कार्तिक का भंडार.

360 गुफाओं के साथ 360 जलकुंड मौजूद

भगवान कार्तिक स्वामी की तपस्थली क्रौंच पर्वत तीर्थ अनेक विशेषताओं से भरा है. इस तीर्थ के चारों तरफ 360 गुफाओं के साथ 360 जलकुंड भी हैं. इन गुफाओं में आज भी अदृश्य रुप में साधक जगत कल्याण के लिए साधना करते हैं. क्रौंच पर्वत तीर्थ से लगभग 3 किमी दूर और प्रकृति की सुन्दर छांव में बसा उसनतोली बुग्याल के निकट बीहड़ चट्टान के मध्य भगवान कार्तिक स्वामी के प्राचीन भंडार की अपनी विशिष्ट पहचान है.

भंडार में भगवान कार्तिक स्वामी का अमूल्य खजाना

मान्यता के अनुसार इस भंडार में भगवान कार्तिक स्वामी का अमूल्य भंडार है, इसलिए इस जगह का नाम भंडार पड़ा. स्थानीय लोक मत के अनुसार आज से लगभग 100 साल पहले उसनतोली बुग्याल में एक पशुपालक रहता था. वह हमेशा भगवान कार्तिक स्वामी की भक्ति में समर्पित रहता था. एक दिन भगवान कार्तिक स्वामी उसकी भक्ति से प्रसन्न हुए और उन्हें स्वप्न में प्राचीन भंडार के दर्शन करवाये.

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दूसरी मान्यताओं के अनुसार युगों पूर्व एक नेपाली साधक अपनी तपस्या के बल पर भंडार के दर्शन कर चुका था. इनके अलावा आज तक किसी तीसरे व्यक्ति ने इस भंडार के दर्शन नहीं किये.

प्राचीन भंडार में असंख्य धातुओं का भंडार

मान्यता के अनुसार जब भगवान कार्तिक स्वामी की देवता पूजा करते थे, तो इस भंडार से तांबे के बर्तन निकाल कर अनेक पकवान बनाये जाते थे. पकवान बनाने के बाद पुनः बर्तनों को भंडार में रखा जाता था. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस प्राचीन भंडार में असंख्य धातुओं का भंडार है, जिसका अनुमान आज तक नहीं लगाया जा सका है. कार्तिक स्वामी मन्दिर समिति अध्यक्ष शत्रुघ्न नेगी बताते हैं कि भगवान कार्तिक स्वामी के भंडार के दिव्य दर्शन करने का सौभाग्य किसी-किसी को मिलता है.

Last Updated : Jun 17, 2021, 11:59 AM IST

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