रुद्रप्रयागःप्रदेश में देवास्थानम् प्रबंधन विधेयक (चारधाम श्राइन बोर्ड) को लेकर पुरोहितों और हक-हकूकों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी कड़ी में चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने देवस्थानम प्रबंधन विधेयक में तीर्थ पुरोहितों के हक और अधिकार यथावत रहने की बात कही है. उन्होंने कहा कि पुरोहितों और हक-हकूकों के साथ किसी भी प्रकार से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. वहीं, साल 2020 में युवा बेरोजगारों के हाथों में रोजगार होने की बात भी कही है.
राज्य मंत्री आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं का कहना है कि गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर की पूजा व्यवस्थाएं पूर्ववत की तरह रहेंगी. देवस्थानम का मकसद तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है. चारधाम के अलावा अन्य मठ मंदिरों को विकसित करना सरकार का उद्देश्य है. तीर्थयात्रियों को इन मठ मंदिरों के भी दर्शन करवाये जाएंगे. जिससे शीतकाल में भी यात्रा सुचारू रूप से चलती रहे.
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उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहित समाज के अहम हिस्सा हैं. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की मंशा भी साफ है. तीर्थ पुरोहितों के हितों के लिए ही यह प्रबंधन बनाया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में रोजगार को बढ़ावा मिल सके. तीर्थ पुरोहितों को किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है.