पिथौरागढ़: मुनस्यारी तहसील के आपदा प्रभावित लोग इन दिनों चौतरफा संकट से जूझ रहे है. सर्दियों के मौसम में जहां दर्जनों परिवार टेंटों में रहने को मजबूर है. वहीं, अब बेघर आपदा प्रभावितों को सरकारी राहत शिविरों से भी निकालने की तैयारियां प्रशासन ने तेज कर दी है. दरअसल, नियमों के मुताबिक राहत शिविर में दो महीने ही प्रभावितों को रखा जा सकता है.
स्थानीय प्रशासन इस अवधि को एक महीना पहले ही बढ़ा चुका है. हालांकि, सरकार ने पूरी तरह टूटे मकानों का 1 लाख 19 सौ रूपया मुआवजा भी दिया है, लेकिन उच्च हिमालयी इलाकों में इतनी कम धनराशि में मकान बनाना मुश्किल है. राहत शिविरों से निकाले जाने के बाद आपदा प्रभावितों की जिंदगी राम भरोसे बनी हुई है. कड़कड़ाती ठंड में बेघर आपदा प्रभावित आखिर जाएं तो जाएं कहां? यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है.