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बदल रहा है उत्तराखंड: यहां सरकारी स्कूल में एक साथ पढ़ते हैं अधिकारियों और मजदूरों के बच्चे

आदर्श प्राथमिक विद्यालय की नर्सरी कक्षाओं का नजारा देखकर आपको किसी प्राइवेट स्कूल के क्लासरूम की याद आ जाएगी. स्कूली बच्चों से गुलजार ये स्कूल 4 साल पहले अन्य प्राइमरी स्कूलों की तरह बंदी की कगार पर था. उस समय विद्यालय में छात्रों की संख्या सिर्फ 13 थी, लेकिन आज विद्यालय में छात्रों की संख्या 189 हो चुकी है.

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Published : Feb 14, 2019, 3:37 AM IST

आदर्श विद्यालय की अच्छी स्थिति.

पिथौरागढ़: प्रदेश में एक ओर जहां सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहाल बनी हुई है, वहीं, जिले का आदर्श प्राथमिक विद्यालय एक नया ही कीर्तिमान रच रहा है. इस विद्यालय में मजदूर से लेकर अधिकारियों के बच्चे एक साथ पढ़ रहे है, जबकि 4 साल पहले ये स्कूल बंदी की कगार पर था. आज ये सरकारी विद्यालय प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है.

आदर्श विद्यालय की अच्छी स्थिति.

आदर्श प्राथमिक विद्यालय की नर्सरी कक्षाओं का नजारा देखकर आपको किसी प्राइवेट स्कूल के क्लासरूम की याद आ जाएगी. स्कूली बच्चों से गुलजार ये स्कूल 4 साल पहले अन्य प्राइमरी स्कूलों की तरह बंदी की कगार पर था. उस समय विद्यालय में छात्रों की संख्या सिर्फ 13 थी, लेकिन आज विद्यालय में छात्रों की संख्या 189 हो चुकी है. साल 2016 में इस विद्यालय को इंग्लिश मीडियम का दर्जा देकर आदर्श विद्यालय बनाया गया. सभी सुविधाओं से लैस इस विद्यालय में एक आम इंसान से लेकर अधिकारियों के बच्चे भी पढ़ने आते है.

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इस विद्यालय का कायाकल्प प्रधानाध्यापक सुभाष जोशी ने 2015 में करवाया. साथ ही इस स्कूल की कमान भी संभाली. इस स्कूल में छुट्टियों के दिन भी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और एक्सट्रा क्लासेस दी जाती हैं. अध्यापकों की कमी से जूझ रहे इस स्कूल में आज 1 से 5 तक की कक्षाओं को पढ़ाने के लिए 1 प्रधानाचार्य और 5 सहायक अध्यापक है, जबकि 6 अतिरिक्त अध्यापक मानदेय पर भी रखे गए हैं.

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