पिथौरागढ़: सोरघाटी पिथौरागढ़ के वड्डा क्षेत्र में पिछले 500 सालों से ऐतिहासिक चौमू देवता का मेला आयोजित होता आ रहा है. इस मेले को चौपखिया मेले के नाम से भी जाना जाता है. मेले में शिरकत करने के लिए दूर-दूर से लोग खिंचे चले आते हैं.
नेपाल सीमा पर सदियों से मनाया जा रहा चौमू देवता का मेला आस्था के जुनून को दर्शा रहा है. चौमू देवता को भगवान शिव के 7 रूपों में से एक माना जाता है. मान्यता है कि सीमांत इलाके में लोगों की सुख-समृद्धि के लिए 5 शताब्दी पूर्व चौमू देवता इस इलाके में आये थे. तभी से नवरात्रियों में इस पर्व को मनाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है.
माना जाता है कि चौमू देवता के प्रसन्न होने पर फसल अच्छी होती है और क्षेत्र में किसी प्रकार की आपदा नहीं आती. मुख्य रूप से इस मेले में कृषि यंत्रों की बिक्री की जाती है. इस मौके पर कृषि यंत्रों को खरीदना शुभ माना जाता है.