कोटद्वार: प्राकृतिक जल स्रोत और नदियों का जलस्तर लगातार घटता जा रहा है. जो प्रकृति प्रेमियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. साथ ही इसका असर पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के पेयजल और सिंचाई पर पड़ रहा है. जिस पर सरकार ने चिंता जताते हुए जल स्तर को बढ़ाने के लिए जल नीति तैयार की है. वहीं, सिंचाई एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जल नीति तैयार कर नदियों पर तालाब बनाने की बात कही है. उन्होंने बताया कि धन की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार से बात की जा रही है.
प्रदेश में जल्द बनेगी जल नीति. सिंचाई एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि सरकार ने जल नीति तैयार की है. जल नीति के अनुसार नदियों पर तालाब बनाए जाएंगे. तालाब बनने से नदियों और आसपास के प्राकृतिक स्रोतों का जलस्तर बढ़ेगा, जिससे पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों मे पीने के पानी और सिंचाई की किल्लत दूर होगी.
बता दें कि पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में नदियां और प्राकृतिक जल स्रोत सूखने की कगार पर हैं. कई नदियां बरसात के सीजन पर उफान पर बहती हैं, लेकिन बरसात खत्म होने के बाद यह नदियां सूख जाती हैं.
ऐसे मे सतपाल महाराज ने जल नीति तैयार कर नदियों पर तालाब बनाने की बात कही है. उन्होंने बताया कि धन की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार से बात की जा रही है, केंद्र सरकार से धन स्वीकृत होते ही कई नदियों पर जल नीति के अनुसार तालाब बनाए जाएंगे जिससे कि नदियों का जलस्तर ही नहीं बढ़ेगा, बल्कि प्रदेश में पर्यटक भी बढेगा.
जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए वे लगातार प्रयासरत हैं. बता दें कि पहाड़ों में सिंचाई का पानी न होने के कारण कृषि भूमि बंजर होती जा रही है. जिससे लोग पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं.