देहरादून/श्रीनगर: 'असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो तुम, कहां खामियां रह गई, इन पर विचार करो तुम, मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़े चलो तुम, फिर देखो नई चोटियों पर अपना परचम लहराये चलो तुम'... ये शब्द मौत से 8 दिन पहले की अपने आखिरी स्पीच में सीडीएस बिपिन रावत ने कहे थे. गढ़वाल केंद्रीय विवि के 9वें दीक्षांत समारोह में सीडीएस बिपिन रावत ने युवाओं में जोश भरते हुए असफलता को एक चुनौती मानते हुए आगे बढ़ने का गुरु मंत्र दिया था.
गढ़वाल केंद्रीय विवि के 9वें दीक्षांत समारोह में पहुंचे सीडीएस बिपिन रावत का यहां अलग ही अंदाज दिखा. उन्होंने युवाओं को उन्हीं की भाषा में समझाते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. सीडीएस बिपिन रावत ने कार्यक्रम में कविता के जरिये युवाओं को खास संदेश दिया. ये एक ऐसा संदेश था जिसका वे खुद भी पालन करते थे.
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीडीएस बिपिन रावत ने असफलता को लेकर छात्रों को एक नया विजन दिया. सीडीएस बिपिन रावत ने कहा जिंदगी में आपको सदा सफलता नहीं मिलेगी, कभी-कभी असफलता का सामना भी करना पड़ता है. जिससे कभी नहीं डरना चाहिए. इस दौरान सीडीएस बिपिन रावत युवाओं को निर्णय लेने की काबिलियत और अनुशासन को जीवन में उतारने की बात भी कही.
सीडीएस 2 घंटे तक गढ़वाल विवि में रुके थे. इस दौरान युवाओं ने उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई थी. गढ़वाल विवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंकित रावत ने बताया कि जब उन्होंने सीडीएस विपिन रावत से मुलाकात की थी तो उन्हें लगा नहीं की वे सेना के सबसे बड़े अधिकारी हैं. उन्होंने एक सामान्य व्यक्ति की तरह उनसे मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश के युवाओं को आगे बढ़ते हुए स्वरोजगार अपनाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था ऐसा करने से पलायन भी रुकेगा.
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बता दें सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर कुन्नूर में क्रैश हो गया. इसमें उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी सवार थीं. इस घटना में बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित 13 लोगों की मौत हो गई है. घटना के बाद से ही देशभर में शोक की लहर है. श्रीनगर गढ़वाल में भी लोग सीडीएस बिपिन रावत के साथ कुछ दिन पहले बिताये पलों को याद कर रहे हैं. एक दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत ने गढ़वाल केंद्रीय विवि के नौवें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया था. तब किसे पता था कि ये उत्तराखंड में सीडीएस बिपिन के आखिरी पल होंगे.