कोटद्वार:राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राखी को राष्ट्रीय वीरता के मार्कंडेय पुरस्कार से सम्मानित किया. इस मौके पर राखी की वीरता की पूरी कहानी सुनाई गई. इस दौरान वहां मौजूद माता-पिता की आंखें छलक उठी. राखी को राष्ट्रीय वीरता मेडल पत्र और ₹40 हजार का चेक देकर सम्मानित किया गया.
भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू ) की ओर से दिल्ली में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें राखी रावत को असम राइफल्स के ले. कर्नल रामेश्वर राय के हाथों राष्ट्रीय वीरता मार्कंडेय पुरस्कार दिया गया. सम्मानित होने के बाद राखी के साथ फोटो खिंचवाने वाले लोगों की होड़ लग गई. देश की जानी-मानी हस्तियों ने भी राखी के साथ सेल्फी ली. इस मौके पर राखी की मां शालिनी देवी, पिता दलबीर सिंह रावत और छोटा भाई राघव मौजूद रहे.
ये भी पढ़ें:गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों पर एक नजर
भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2019 के लिए 12 राज्यों से 10 लड़कियों और 12 लड़कों सहित कुल 22 बच्चों को चुना था. इस वर्ष आईसीसीडब्ल्यू ने पांच विशेष पुरस्कार- आईसीसीडब्ल्यू मार्कंडेय अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू ध्रुव अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू अभिमन्यु अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू प्रहलाद अवार्ड और आईसीसीडब्ल्यू श्रवण अवार्ड की घोषणा की थी.
इसी कड़ी में पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल ब्लॉक के देव कुंडली गांव की राखी रावत को उसके अदम्य साहस ने राष्ट्रीय सम्मान दिलवाया. 11 साल की राखी के हौसले के आगे गुलदार ने भी हार मान ली थी. बीते साल 4 अक्टूबर को अपने 4 साल के छोटे भाई राघव को गुलदार से बचाते समय राखी गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी.