कोटद्वार विकासकार्यों में लापरवाही अधिकारियों को पड़ी भारी पौड़ी: डीएम डॉ. आशीष चौहान ने नजूल भूमि प्रकरणों के साथ ही सौर संयंत्र के लंबित कई प्रकरणों को लेकर नगर निगम प्रशासन कोटद्वार को कड़ी फटकार लगाई है. इस प्रकरण में डीएम ने नगर आयुक्त और सहायक नगर आयुक्त कोटद्वार के कार्यों में प्रगति नहीं किये जाने तक वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं.
डीएम डॉ. आशीष चौहान की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में मोबाइल टावर के लिए भूमि हस्तांतरण, जेडएएलआर अधिनियम की धारा-154 के तहत भूमि क्रय से संबंधित विवरण, नजूल भूमि प्रकरण के साथ ही सौर संयंत्र के लंबित विभिन्न मामलों को लेकर राजस्व प्रशासन की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी. डीएम ने विभिन्न मामलों में तहसीलों, नगर निगम कोटद्वार समेत नगर पालिकाओं के स्तर पर लंबित प्रकरणों पर जमकर फटकार लगाई. साथ ही डीएम ने इस मामलों को तत्काल निस्तारित करने के निर्देश भी दिये.
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जिलाधिकारी ने नजूल भूमि संबंधी लंबित प्रकरणों को 15 दिनों के भीतर निस्तारित करने का एल्टीमेटम दिया. इतना ही नहीं डीएम ने मोबाइल टावर लगाने को लेकर भूमि प्रकरणों को 7 दिन में निस्तारित करने को भी कहा. उन्होंने जेडएएलआर अधिनियम की धारा-154 के तहत से संबंधित प्रकरणों में सतपुली, लैंसडाउन व यमकेश्वर तहसीलों को इन कार्यों में प्रगति लाने के भी निर्देश दिये.
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डीएम ने कहा कि मोबाइल टावर जनहित से जुड़ा मामला है. टावर लगवाने के लिए प्राप्त आवेदनों के साथ ही भूमि उपलब्धता संबंधी लंबित आवेदनों का तत्काल निस्तारण किया जाए. इसके लिए डीएम ने संबंधित उप जिलाधिकारियों और पटवारियों की जवाबदेही भी तय करने को कहा. उन्होंने कहा भूमि उपलब्धता को लेकर स्पष्ट प्रस्ताव प्राप्त करें, जिससे कि इसमें किसी भी तरह की लेटलतीफी न हो.