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श्रीनगर में जन्म के 12 दिन बाद नवजात की गूंजी किलकारी, डॉक्टरों ने इस तरह से दिया 'जीवनदान" - Newborn Baby Crying

Newborn Baby Crying in Srinagar श्रीनगर में डॉक्टरों ने एक नवजात की जान बचाई है. यह बच्चा जन्म के बाद से रोया ही नहीं. इसके अलावा झटके भी आ रहे थे, लिहाजा डॉक्टरों ने इलाज किया और 12 दिन बाद बच्चे की किलकारी गूंजी. जानिए किस तरह से बची बच्ची की जान...

Base Hospital Srinagar
नवजात की गूंजी किलकारी

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 5, 2024, 3:56 PM IST

श्रीनगर: बेस अस्पताल श्रीनगर के बाल रोग विभाग के डॉक्टरों ने एक नवजात का बेहतर इलाज कर उसे जीवनदान दिया है. बेस अस्पताल में बच्चे का जन्म हुआ था, लेकिन जन्म लेने के बाद से ही बच्चा रो नहीं पा रहा था. ऐसे में बाल रोग विभाग के डॉक्टरों ने नवजात का इलाज किया. जिसकी वजह से 12 दिन बाद बच्चे की किलकारी गूंजी. बच्चे की किलकारी गूंजने के बाद परिजनों ने डॉक्टरों का आभार जताया है.

जानकारी के मुताबिक, टिहरी जिले के हिंडोलाखाल क्षेत्र के जमणीखाल के खोला कांडी गांव से बबीता पत्नी सुरेंद्र सिंह प्रसव पीड़ा होने पर बेस अस्पताल श्रीनगर पहुंची थी. जहां बबीता ने 30 नवंबर को एक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन जन्म लेने के 24 घंटे के भीतर बच्चा नहीं रोया. जबकि, बच्चे का वजन 3 किलो था, लेकिन उसके ना रोने से परिजन काफी परेशान हो गए.
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श्रीनगर बेस अस्पताल के बाल रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर तृप्ति श्रीवास्तव ने बताया कि शिशु जन्म लेने के बाद रोया नहीं था और शिशु को झटके भी आ रहे थे. जबकि, उसे सांस लेने की भी दिक्कतें आ रही थी. ऐसे में पहले शिशु को ऑक्सीजन दी गई, फिर दवाइयां चलाई गई. इसके साथ ही अल्ट्रासाउंड समेत तमाम टेस्ट बेस अस्पताल में ही निशुल्क कराए गए.

डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि परिजन शिशु का जन्म होने के बाद सीधे घर ले जा रहे थे, लेकिन शिशु की मां और पिता को समझाया गया. जिसके बाद शिशु को एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया. जहां 12 दिन बाद शिशु ने रोना शुरू किया. साथ ही अन्य दिक्कतें भी ठीक हो गई. ऐसे में 2 जनवरी को बच्चा स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया.

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