उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल पहुंचे पैतृक गांव, घर बनाने की जताई इच्छा

अजीत डोभाल अपने पैतृक गांव पहुंचे तो उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ गई. इस दौरान डोभाल ने लोगों से बातचीत की. साथ ही गांव में अपना घर बनाने की बात कही.

nsa ajit doval
अजीत डोभाल पहुंचे पैतृक गांव

By

Published : Oct 24, 2020, 6:47 PM IST

पौड़ी: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल आज अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे, जहां उन्होंने कुलदेवी बाल कुंवारी की पूजा अर्चना की. जिसके बाद उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपने गांव में आवासीय मकान व गेस्ट हाउस बनाने की बात भी कही. गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को वह ज्वाल्पा देवी मंदिर दर्शन के लिए गए थे. इस दौरान उन्होंने लोगों से गढ़वाली में बातचीत भी की.

आज जब अजीत डोभाल अपने पैतृक गांव पहुंचे तो उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ गई. इस दौरान डोभाल ने लोगों से बातचीत की. साथ ही गांव में अपना अवासीय मकान की बात भी कही. आज सुबह करीब 6:30 बजे एनएसए अपनी पत्नी अरुणा डोभाल के साथ अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे थे. गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने एनएसए डोभाल का ढोल दमाऊं की थाप पर फूल माला पहनाकर स्वागत किया.

अजीत डोभाल पहुंचे पैतृक गांव.

ये भी पढ़ें:तीन केदारों के कपाट बंद होने की तिथि कल होगी घोषित, पंचाग गणना से होगा निर्णय

गांव पहुंचे अजीत डोभाल ने ग्रामीणों से बातचीत की और युवाओं को देश सेवा के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अधिकांश युवा गांवों की ओर लौटे हैं. रिवर्स पलायन अच्छा संकेत है, क्योंकि खाली गांव आबाद हो रहे हैं. डोभाल ने कहा कि वह भी गांव में अपना मकान बनाने पर विचार कर रहे हैं, गांव में उनका करीब 70 से 80 वर्ष पुराना पैतृक घर है.

वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की बोली और सादगी ही उनका पहाड़ी होने का परिचय है. बीते शुक्रवार को एनएसए डोभाल ज्वाल्पा देवी के दर्शन करने पहुंचे. मंदिर के बार खड़े श्रद्धालुओं को ज्यादा परेशानी ना हो इसे देखते हुए वह वहां ज्यादा देर तक नहीं रुके. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया. डोभाल ने मंदिर समिति कार्यालय में चाय पीते हुए वहां मौजूद लोगों से गढ़वाली में बात की. वही, आज शनिवार को जब वह अपने पैतृक गांव घीड़ी कुलदेवी की पूजा अर्चना करने पहुंचे तो उन्होंने ग्रामीणों से गढ़वाली में संवाद किया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details