कोटद्वार: वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं, उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक भी व्यक्ति साबित कर दें कि कोटद्वार विधानसभा में मेडिकल कॉलेज की भूमि में वन मंत्री के संरक्षण में खनन किया जा रहा है. साबित होते ही मैं इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन कोई साबित तो करें.
गौरतलब है कि वन मंत्री हरक सिंह रावत ने विगत दिनों में कलालघाटी स्थित मेडिकल कॉलेज की भूमि का निरीक्षण किया था, वहां पर मेडिकल कॉलेज बनाने की बात कही और इसके लिए 50 करोड़ स्वीकृत होने की बात कही थी, लेकिन यह बात कांग्रेस पार्टी को हजम नहीं हुई.
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पूर्व कांग्रेस प्रदेश सचिव कृष्णा बहुगुणा ने वन मंत्री हरक सिंह रावत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज की जमीन पर जो खनन यूपी के डम्परों से चल रहा है. वह वन मंत्री के संरक्षण में चल रहा है. वन मंत्री मेडिकल कॉलेज की जमीन का निरीक्षण करने नहीं गये, वह तो अपनी आमदनी का निरीक्षण करने गये थे, शायद वहां से आने वाले रुपए वन मंत्री के लिए कम पड़ गए हैं. इसलिए वह यूपी वालों से बात करने के लिए मेडिकल कॉलेज की जमीन पर गए.
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पूरे मामले पर वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने सफाई देते हुए कहा कि मैं समझता हूं कि यहां पर चोरी भी हो रही है और सीनाजोरी भी हो रही है. कोई भी एक व्यक्ति सिद्ध कर दे कि मेडिकल कॉलेज की भूमि पर हो रहे खनन मेरे संरक्षण में हो रहा है, मैं तत्काल इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन कोई साबित तो करें. आरोप तो किसी पर भी लगाए जा सकते हैं. वैसा मेरा मानना है कि जिनके घर खुद शीशे के हो उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारना चाहिए. मुझे लगता है कि आरोप लगाने वाले लोगों के ही ज्यादातर लोग मेडिकल कॉलेज की जमीन में खनन कर रहे हैं. मुझे तो अब पता चला कि मेडिकल कॉलेज की जमीन में कुछ लोगों के द्वारा खनन किया जा रहा है.