कोटद्वार: नगर से 12 किलोमीटर दूर बिजनौर के जाफराबाद के जंगलों में स्थित हजरत लाल शाह बाबा रहमतुल्लाह दरगाह शरीफ में हर गुरुवार सैकड़ों की संख्या में जायरीन पहुंचते हैं. गंगा-जमुनी तहजीब की तरह यहां मुस्लिम समुदाय से जुड़े हजारों लोग चादर चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं. वहीं, हिंदू श्रद्धालु भी पूरी श्रद्धा के साथ बाबा की चौखट पर माथा टेकते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी यहां सच्चे मन से मन्नतें मांगता है हजरत लाल शाह बाबा उनकी मन्नतें पूरी करते हैं.
हजरत लाल शाह बाबा रहमतुल्लाह दरगाह. बता दें कि कोटद्वार से सटे जिला बिजनौर के जाफराबाद स्थित हजरत लाल शाह की मजार कई दशकों पुरानी है. कहा जाता है कि यहां ज्यादातर बीमारी से ग्रस्त लोग ठीक होने आते हैं. जोकि यहां आकर बाबा की कृपा से ठीक होकर वापस जाते हैं. यही कारण है कि जुमरात यानी गुरुवार को यहां जायरीनों की भीड़ लग जाती है.
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जायरीन इमरान का कहना है कि वे बचपन से यहां पर आते हैं. इस दरगाह में ऐसी रहमत है कि बाबा के दरबार में आकर सबकी मुराद पूरी हो जाती है. जो लोग बीमारी से पीड़ित होते हैं उन लोगों का भी इलाज यहां पर होता है और ठीक होकर वापस जाते हैं.
वहीं, जायरीन मोहम्मद यासीन ने कहा कि लगभग 45 साल पहले दरगाह के पास सिर्फ एक पेड़ हुआ करता था. उस दौरान दरगाह के आसपास किसी तरह की आबादी नहीं थी. हमिब लोंदा नाम के एक व्यक्ति दरगाह के पास बैठा करते थे. उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी यहां पर बैठती हैं और लोगों का इलाज करती हैं.
दरगाह में मौजूद जायरीन शकील अहमद ने बताया कि दिल्ली, हरिद्वार, राजस्थान, यूपी और कई अन्य राज्य से लोग यहां आते हैं. खासतौर पर लोग गुरुवार के दिन ही आते हैं. लोग यहां पर आकर मन्नतें मांगते हैं और बाबा उनकी मन्नतें पूरी करते हैं. मन्नते पूरी होने पर वे बाबा की मजार पर चादर चढ़ाकर भंडारा करवाते हैं.