श्रीनगर: सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर कुन्नूर में क्रैश हो गया. इसमें उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी सवार थीं. इस घटना में बिपिन रावत और उनकी पत्नी की मौत हो गई है. घटना के बाद से ही देशभर में शोक की लहर है. श्रीनगर गढ़वाल में भी लोग सीडीएस बिपिन रावत के साथ कुछ दिन पहले बिताये पलों को याद कर रहे हैं. एक दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत ने गढ़वाल केंद्रीय विवि के नौवें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया था. तब किसे पता था कि ये उत्तराखंड में सीडीएस बिपिन के आखिरी पल होंगे.
मौत एक ऐसी सच्चाई है कि जिससे एक दिन हर किसी को रू-ब-रू होना है. जो इस दुनिया में आया है, एक न एक दिन उसे जाना पड़ता है, लेकिन दुनिया में कुछ शख्सियतें ऐसी होती हैं कि उनका रुखसत होना करोड़ों दिलों को रुला देता है. उनका जाना लाखों दिलों को तड़पा देता है. सीडीएस बिपिन रावत उन्हीं शख्सियतों में से एक थे. सीडीएस बिपिन रावत के निधन के बाद से उत्तराखंड में शोक की लहर है.
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सीडीएस बिपिन रावत हादसे से पहले एक दिसंबर को उत्तराखंड आये थे. यहां उन्होंने गढ़वाल केंद्रीय विवि के नौवें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने अपना उत्तराखंड प्रेम भी जाहिर किया. यहां CDS बिपिन रावत ने अपने संबोधन की शुरुआत ही गढ़वाली से की थी. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के लगाव से जुड़ी बातें भी साझा की थी.
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने उत्तराखंड में पलायन और मेडिकल सुविधाओं को लेकर कई बातें कही थी. वे सैन्य माध्यमों के जरिये दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा पहुंचाना चाहते थे. उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में खाली होते गांवों को लेकर भी वे खासे चिंतित दिखाई देते थे. हाल ही में उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में सुविधाएं और संसाधन जुटाकर आबादी बसाने की बात कही थी.