उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तराखंड में 'ऑपरेशन अग्नि' का दूसरा दिन, वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने श्रीनगर में बुझाई आग

वायुसेना के MI 17 हेलीकॉप्टर ने श्रीनगर के खिर्सु और कीर्तिनगर समेत बड़ियारगढ़ के जंगलों में लगी आग को बुझाने का कार्य किया.

ऑपरेशन अग्नि
ऑपरेशन अग्नि

By

Published : Apr 6, 2021, 2:50 PM IST

Updated : Apr 6, 2021, 3:41 PM IST

श्रीनगरःउत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिएवायुसेना के MI 17 हेलीकॉप्टरों का सहारा लिया जा रहा है. इसी कड़ी में वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर आज सुबह 9 बजे जॉलीग्रांट एयर बेस से उड़ान भरकर श्रीनगर जीवीके हैलीपेड पहुंचा. इस पूरे ऑपरेशन पर नजर रखने के लिए मुख्य वन संरक्षक सुशांत पटनायक भी श्रीनगर साथ ही मौजूद रहे. उन्होंने खुद पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाई रखी. वहीं, हेलीकॉप्टर ने जीवीके बांध के डीएसबी से बकेट में पानी भरा और उड़ान भरी.

आज वायुसेना की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन अग्नि का दूसरा दिन है. दूसरे दिन वायुसेना ने श्रीनगर के खिर्सु और कीर्तिनगर समेत बड़ियारगढ़ के जंगलों में लगी आग को बुझाने का कार्य किया. इस दौरान वायुसेना के एमआई 17 ने कई बार जीवीके की डीएसबी से पानी भरा और वनाग्नि वाले क्षेत्रों में पानी का छिड़काव किया.

श्रीनगर के खिर्सु और कीर्तिनगर के जंगलों में हेलीकॉप्टर ने बुझाई आग.

ये भी पढ़ेंःवनाग्नि के टूटेंगे सारे रिकॉर्ड, लॉकडाउन में जले थे सबसे कम जंगल

वहीं, आज दूसरे दिन चले ऑपरेशन अग्नि के दौरान मुख्य वन संरक्षक शशांक पटनायक ने बताया कि दूसरे दिन कीर्तिनगर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत कुछ जंगलों और बड़ियारगढ़ की तरफ आग बुझाई जा रही है. इसके साथ साथ श्रीनगर के खिर्सु में भी वनाग्नि को बुझाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि फिलहाल रुद्रप्रयाग और चमोली में वनाग्नि ज्यादा नहीं है, लेकिन आवश्कता पड़ने पर वहां भी ऑपरेशन चलाया जाएगा.

ऑपरेशन अग्नि के पहले दिन भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने टिहरी गढ़वाल के मठियानी और अडियानी के धधकते जंगलों में आग बुझाने का प्रयास किया. एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर बांबी बकेट के जरिए टिहरी झील से पानी उठाकर आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले वर्ष 2016 में जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए सेना के हेलीकाप्टरों की मदद ली गई थी.

गौर हो कि राज्य में एक हजार से अधिक जगहों पर आग लगी हुई है. मौसम ने हालात को और ज्यादा चुनौतीपूर्ण बना दिया है. 12 हजार से वनकर्मी जंगलों की आग बुझाने में जुटे हुए हैं. जंगलों में आग लगने की वजह से गर्मी जेनरेट होती है उसकी वजह से जीव जंतुओं के निवास स्थान बर्बाद हो जाते हैं. मिट्टी की गुणवत्ता खत्म हो जाती है. या उनके जैविक मिश्रण में बदलाव आ जाता है. अबतक 1300 हेक्टेयर से अधिक जंगल इस सीजन में आग की भेंट चढ़ चुके हैं.

Last Updated : Apr 6, 2021, 3:41 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details