रामनगरःकॉर्बेट और रामनगर डिवीजन को बांटने वाला नेशनल हाईवे लगभग 22 किलोमीटर परिधि तक वन्यजीवों के लिहाज से बहुत संवेदनशील है. इस मार्ग पर वन्यजीवों की वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कॉर्बेट प्रशासन को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है तथा कॉर्बेट प्रशासन द्वारा निर्धारित की गई गति का अनुपालन कराना आवश्यक है.
रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर डिवीजन की सीमाओं के मध्य से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 121 पर वन्यजीवों की आवाजाही को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने यहां से गुजरने वाले वाहनों की गति को कम गति पर निर्धारित कर दिया है.
फिर भी यहां से गुजरने वाले वाहनों की स्पीड अधिक होती है. जिससे कई बार वन्यजीव इन वाहनों की चपेट में आ जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है. कॉर्बेट प्रशासन इन हादसों पर लगाम लगाने की बजाय आंखें मूंदे बैठा रहता है.
कार्बेट नेशनल पार्क और रामनगर डिवीजन की सीमाओं के बीच से होकर गुजरने वाला नेशनल हाईवे 121 पड़ता है. इस हाईवे के दोनों ओर घना जंगल है. जिसमें वन्यजीव विचरण करते हैं. वन्यजीवों को एक सीमा से दूसरी सीमा में जाने के लिए इस हाईवे को क्रॉस करना पड़ता है.
जिसको देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने यहां से गुजरने वाले वाहनों की स्पीड को कंट्रोल करने के लिए कम से कम 40 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड निर्धारित की है. संवेदनशील क्षेत्र में तो इसे घटाकर 20 किलोमीटर प्रति घंटा पर ही सीमित कर दिया है. बावजूद इसके यहां आने वाले पर्यटकों के वाहन इस मार्ग पर किसी नियम का लिहाज न करते हुए सरपट दौड़ते चले जाते हैं.
जिस कारण कभी-कभी वन्यजीवों की इनसे टकराने की घटनाएं सामने आती हैं. इन घटनाओं से अधिकांश वन्यजीवों की मौत हो जाती है. वहीं इस मामले में वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि कुछ वर्षों से यहां पर्यटन के मद्देनजर ट्रैफिक अधिक बढ़ा है.