हल्द्वानी: हर वर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है. विश्व पुस्तक दिवस मनाने का उद्देश्य पाठकों में पठन-पाठन की संस्कृति को बढ़ावा, पुस्तकों का प्रकाशन, संपादक और लेखन को तवज्जो देना है. पुस्तक एक ऐसा धन है जो कई लोगों की जिंदगी संवार चुका है तो कई लोगों का अच्छा मित्र बनकर उनको सही रास्ता दिखा रहा है.
विश्व पुस्तक दिवस के मौके पर ऐसे ही एक शख्स के बारे में जानते हैं. ललित मोहन रयाल उत्तराखंड के उन सफल पीसीएस अधिकारियों में से एक हैं जो पुस्तकों को अपना अच्छा दोस्त मानते हैं. उनके लिखे हुए साहित्य कई लोगों के लिए प्रेरणा है.
विश्व पुस्तक दिवस साहित्यकार विलियम शेक्सपियर की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है. भारत सरकार द्वारा 2001 में पुस्तक दिवस को प्रोत्साहित किया गया था. राज्य में पीसीएस के पहले बैच के टॉपर रहे ललित मोहन रयाल की पहचान एक वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी के रूप में की जाती है.