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उत्तरकाशी में ITBP ने किया ग्रामीणों का रास्ता बंद, हाईकोर्ट ने 4 हफ्तों में केंद्र और राज्य सरकार मांगा जवाब

ITBP blocking way for villagers in Uttarkashi उत्तरकाशी जिले के मातली गांव में आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) ने ग्रामीणों के मंदिर, स्कूल और घाट जाने का रास्त बंद कर दिया है. इस मामले पर गुरुवार 14 सितंबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य व केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. Uttarkashi news

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 14, 2023, 2:33 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी के मातली गांव में आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) की ओर से ग्रामीणों का मंदिर, स्कूल और घाट जाने का रास्त बंद किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य व केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल 2024 को होगी.

मामले के अनुसार उत्तरकाशी के मातली गांव के रामलाल नौटियाल, परवीन नौटियाल, विनोद प्रकाश नौटियाल, वाचस्पति नौटियाल और राम किशन नौटियाल ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके ग्राम की कृषि भूमि का आईटीबीपी ने अपने कैंप, ऑफिस व स्टाफ क्वाटर बनाने के लिए अधिग्रहण किया था. साथ में उनके बीच यह समझौता हुआ था कि उनके लिए मंदिर, स्कूल व घाट जाने का रास्ता बनाया जाएगा, जिसमें आईटीबीओई की कोई रोकटोक नहीं होगी.
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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जब सारा काम पूरा हो गया तो आईटीबीपी ने पूरे क्षेत्र को चाहर दिवारी से बंद कर दिया. एक रास्ता उनके लिए स्कूल, मंदिर और घाट जाने के लिए पेट्रोल पम्प के पास से बनाया गया. बाद में उसे भी बंद कर दिया. रास्ता बंद होने से ग्रामीणों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आए दिन ग्रामीणों व उनके बच्चों की स्कूल जाते वक्त चैकिंग की जाती है. इसको लेकर ग्रामीणों ने एक वाद जिला न्यायालय उत्तरकाशी में दायर किया था, जहां आईटीबीपी ने कहा था कि वो ग्रामीणों के लिए वहीं रास्ता खोल रहे है. उनके इस कथन पर वाद वापस लिया गया था, वाद वापस लेने के तुरंत बाद रास्ता फिर से बंद कर दिया, जिसको लेकर ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जनहित याचिका में कोर्ट से प्राथर्ना की है कि उनका रास्ता खोला जाय.

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